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बजट से टूटी यात्रियों की उम्मीदें, नहीं मिली कोई ट्रेन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से गुरुवार को पेश हुए

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Feb 2018 10:30 PM (IST)Updated: Thu, 01 Feb 2018 10:30 PM (IST)
बजट से टूटी यात्रियों की उम्मीदें, नहीं मिली कोई ट्रेन
बजट से टूटी यात्रियों की उम्मीदें, नहीं मिली कोई ट्रेन

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से गुरुवार को पेश हुए बजट से जिले व आसपास के रेल यात्रियों को निराशा हाथ लगी है। कासगंज, कानपुर, मथुरा रेल खंड पर रात में कोई ट्रेन नहीं है। जबकि कई सालों से रात में ट्रेन चलाने की मांग की जा रही थी। कई माह पहले फर्रुखाबाद-कासगंज बरेली के लिए पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भी डीआरएम की ओर से भेजे जाने की जानकारी दी गई थी। उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

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कानपुर, कासगंज, मथुरा के बीच प्रतिदिन 12 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। इसके अलावा मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, कोलकाता, छपरा, कामाख्या के लिए कुछ साप्ताहिक ट्रेनें भी चलती हैं। कुल मिलाकर 24 जोड़ी ट्रेनें जिले से होकर पास होती हैं। कानपुर, कासगंज, मथुरा रेल खंड पर रात में एक भी ट्रेन नहीं है। इससे यात्रियों को परेशानी होती है। जिले के यात्रियों का जुड़ाव सीधा कानपुर से है।कानपुर-फर्रुखाबाद के बीच रात में ट्रेन चलाने की मांग कई वर्षों से की जा रही है। गुरुवार को पेश हुए बजट में कोई ट्रेन न मिलने से यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। इससे लोग निराश हैं। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के डीआरएम ने छह माह पहले फर्रुखाबाद, कासगंज, बरेली के बीच पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के पास भेजा था। उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

पूर्व बजट की घोषणाओं पर भी अमल नहीं

वर्ष 2011-12 के रेल बजट में कानपुर, कन्नौज, फर्रुखाबाद, कासगंज होकर अमृतसर के लिए ट्रेन चलाने की घोषणा हुई थी। उन दिनों कासगंज-बरेली के बीच आमान परिवर्तन का काम चल रहा था। बजट में आमान परिवर्तन का काम पूरा होने पर ट्रेन चलाने का प्रस्ताव था। राजनैतिक कारणों से यह ट्रेन कानपुर से हरदोई-शाहजहांपुर होकर चला दी गई थी। इस ट्रेन को स्वीकृति के अनुसार चलाए जाने का प्रस्ताव भी दो वर्ष से रेलवे बोर्ड में लंबित है। वर्ष 2014-15 के रेल बजट में फर्रुखाबाद शहर की तीन रेलवे क्रा¨सगों पर ओवरब्रिज व एक अंडरपास बनाने की स्वीकृति हुई थी। उस पर भी अभी तक अमल शुरू नहीं हो सका।


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