लोक निर्माण विभाग की लापरवाही से अंधे मोड़ तोड़ रहे जीवन की डोर
संवाद सहयोगी, कायमगंज : जिले की कुछ सड़कों की देखरेख का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूड
संवाद सहयोगी, कायमगंज : जिले की कुछ सड़कों की देखरेख का जिम्मा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास जरूर है। फिर भी उनकी देख-रेख कभी नहीं होती है। क्योंकि, जिले में फैले सड़कों के जाल में कुछ अंधे मोड़ भी शामिल हैं जो सीधे लोगों को मौत के मुंह तक पहुंचा रहे हैं। कुछ ऐसा ही हादसा शुक्रवार को लखनऊ एयरपोर्ट मैनेजर और उनकी पत्नी के साथ हुआ। अगर इन अंधे मोड़ पर डिवाइडर और खुले तालाबों के किनारे बाउंड्रीवॉल बनी होती तो कार सवार समेत कई अन्य जिंदा होते और परिजनों संग खिलखिला रह होते।
गौरतलब है कि कायमगंज-फर्रुखाबाद मार्ग पर पहला खतरनाक तालाब ग्राम दमदमा के अंधे मोड़ पर है। फर्रुखाबाद की ओर आने वाले वाहनों को इस अंधे मोड़ पर न तो सामने से आने वाले वाहन नजर आते हैं और मोड़ पर गहरा तालाब भी है। जो जलकुंभी से भरा हुआ है। इसमें भी कई बार चौपहिया वाहन गिर चुके हैं। दूसरा तालाब इसी से चंद कदम आगे कस्तूरबा गांधी स्कूल के निकट है। सड़क के बिल्कुल किनारे का तीसरा तालाब शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम रजलामई के निकट है। यह तालाब भी बहुत गहरा है। चौथा तालाब ग्राम उलियापुर में है, जहां शुक्रवार को हादसा हुआ है। ग्रामीणों व वाहन चालकों ने कहा, पीडब्ल्यूडी को सुरक्षा के ²ष्टिकोण से सड़क किनारे के इन तालाबों पर बेरीके¨टग या मजबूत दीवार बनानी चाहिए। किसान नेताओं ने पीडब्ल्यूडी को दोषी ठहराया
भारतीय किसान एसोसिएशन की पंचायत सुमित गंगवार के प्रतिष्ठान पर संपन्न हुई। किसानों ने कहा, कायमगंज फर्रुखाबाद मार्ग पर ग्राम उलियापुर के सामने एक तालाब में कार गिरने से दंपती की मौत हो गई। जिलाध्यक्ष रामबहादुर राजपूत ने कहा, विभाग के अफसरों ने सुरक्षा इंतजाम किए होते तो आज दंपती जीवित होते। 15 दिन में सुरक्षा इंतजाम न होने पर प्रदर्शन की चेतावनी दी। जिला महासचिव संजय गंगवार, नन्हेंलाल राजपूत, डा. कैलाश चंद यादव आदि मौजूद रहे।