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विधायक निधि के गबन में कार्यदायी संस्था ब्लैक लिस्ट

विजय प्रताप सिंह, फर्रुखाबाद सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी और विधायक अमृतपुर सुशील शाक्य क

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 10:32 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 10:32 PM (IST)
विधायक निधि के गबन में कार्यदायी संस्था ब्लैक लिस्ट
विधायक निधि के गबन में कार्यदायी संस्था ब्लैक लिस्ट

विजय प्रताप सिंह, फर्रुखाबाद सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी और विधायक अमृतपुर सुशील शाक्य की विधायक निधि से आरओ वाटर प्लांट और सोलर लाइटें लगवाई गई थी। इसे लगवाने के लिए नियुक्त कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड कानपुर (यूपीएसआइसी) को जिम्मा मिला। कार्यो में खामियां मिलने पर संस्था को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

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यूपीएसआइसी के प्रबंध निदेशक के नाम जारी नोटिस में कहा गया है कि उनकी संस्था को विधायक निधि योजना के अंतर्गत आरओ वाटर प्लांट व सोलर पावर प्लांट की स्थापना और सोलर एलईडी लाइट व सोलर हाईमास्ट लाइट की स्थापना का कार्य विगत 12 मार्च 2018 को स्वीकृत किया गया था। जांच में स्वीकृत एस्टीमेट के विपरीत कम क्षमता और गुणवत्ता के उपकरण लगाने के अलावा अधूरे कार्यों के सापेक्ष भी धनराशि का उपभोग प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर संस्था को कई नोटिस दिए गए। कोई जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी मोनिका रानी के आदेश पर संस्था को काली सूची में डाल दिया गया। जांच में यह मिली अनियमितताएं

- अपूर्ण आरओ प्लांट को पूर्ण दर्शाकर उपभोग दे दिया।

- डीआरडीए की स्वीकृति के बिना ही दो आरओ प्लांट पर धनराशि का उपभोग कर लिया।

- कई सोलर लाइटों में पैनल व बैटरी ही नहीं थी।

- सोलर पावर प्लांट में 600 एएच की 40 बैटरी के स्थान पर 150 एएच की मात्र 15 बैटरियां ही मिलीं।

- पांच वर्ष की वारंटी के स्थान पर चार साल की वारंटी की बैटरियां लगाईं।

- हाई मास्ट लाइट में 110 एएच के स्थान पर 75 एएच की बैटरियां निकलीं।

- 110 वॉट के सोलर पैनल के स्थान पर मात्र 100 वॉट के सोलर पैनल लगाया गया। जनपद में कार्यालय के बारे में भी किया गुमराह

संस्था को जनपद में कार्यालय खोलने के निर्देश दिए गए थे। इस संबंध में संस्था ने बिना कार्यालय खोले ही कार्यालय से संबद्ध कर्मचारियों के बारे में गलत सूचना उपलब्ध कराई। इस मामले में नोटिस देने पर संस्था की ओर से कोई उत्तर भी नहीं दिया गया। 'संस्था के विरुद्ध लगभग एक करोड़ से अधिक का वसूली नोटिस भी जारी किया गया है। धनराशि वापस न किए जाने पर संबंधित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

अपूर्वा दुबे, मुख्य विकास अधिकारी


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