Move to Jagran APP

गरीबी की बेड़ियां तोड़ बिटिया ने लगाई 'मेडल' की दौड़

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जब इरादे बुलंद हों तो कोई भी परेशानी रास्ता नहीं रोक सकती

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Sep 2018 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 29 Sep 2018 11:31 PM (IST)
गरीबी की बेड़ियां तोड़ बिटिया ने लगाई 'मेडल' की दौड़
गरीबी की बेड़ियां तोड़ बिटिया ने लगाई 'मेडल' की दौड़

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जब इरादे बुलंद हों तो कोई भी परेशानी रास्ता नहीं रोक सकती, फिर चाहें वह गरीबी हो या भूख। फर्रुखाबाद के छोटे से गांव रसूलपुर की बेटी ऋचा भदौरिया ने कुछ ऐसा ही किया है। डेढ़ बीघा खेती से परिवार का गुजर-बसर करने वाले पिता को गंभीर बीमारी हो जाने के बावजूद इस बिटिया ने हिम्मत नहीं हारी। ये उसका जज्बा ही था कि वह बेंगलुरु में क्रास कंट्री दौड़ में भाग लेकर इनामी राशि से खर्च चला एथलीट की तैयारी करने लगी। भुवनेश्वर में शुक्रवार को संपन्न सीनियर ओपन नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में ऋचा ने तीन हजार मीटर बाधा दौड़ में कांस्य पदक पाकर परिवार के साथ ही जिले का मान बढ़ा दिया।

loksabha election banner

दैनिक जागरण से जगी चेतना

ऋचा के बाबा विजय ¨सह घर में दैनिक जागरण अखबार मंगाते हैं। दिल्ली में 2010 में कामनवेल्थ खेल हुए थे, जिसमें हुई एथलेटिक्स स्पर्धाओं की खबरें पढ़कर उनमें भी देश के लिए मेडल लाने की ठानी और तैयारी में जुट गई। इसमें परिजनों ने भी हौसला बढ़ाया। इसी बीच पिता बलवीर ¨सह आंत की बीमारी से घिर गए। दूध बेचकर परिवार चलाते भाई गजेंद्र ¨सह ने हिम्मत बंधाई लेकिन वह बहुत ज्यादा आर्थिक मदद नहीं कर पाए।

किराये पर कमरा लेकर तैयारी

घर वाले आर्थिक मदद तो नहीं कर पाए पर ऋचा को हर कदम पर हौसला देते रहे। अपनी मंजिल पाने के लिए वह बेंगलुरु चली गई और किराये पर कमरा लिया। कर्नाटक के विभिन्न शहरों में होने वाली इनामी क्रास कंट्री दौड़ की पुरस्कार राशि से खर्च जुटा तैयारी करने लगी। भुवनेश्वर में 25 से 28 सितंबर तक हुई सीनियर ओपन नेशनल एथलेटिक चैंपियनशिप में तीन हजार मीटर बाधा दौड़ में 10 मिनट 28 सेकेंड का समय लेकर ऋचा ने कांस्य पदक हासिल किया। उसकी इस कामयाबी पर परिजन व रिश्तेदार फूले नहीं समा रहे हैं। ऋचा ने बताया कि कामनवेल्थ में देश के लिए मेडल लाना उनका सपना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.