कथा पंडालों में गूंजने लगे ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद पौष पूर्णिमा पर शुभारंभ होने के साथ ही पांचाल घाट पर पतित प
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : पौष पूर्णिमा पर शुभारंभ होने के साथ ही पांचाल घाट पर पतित पावनी गंगा के तट पर बसी रामनगरिया में श्रद्धा का सैलाब दिखाई देने लगा है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद मंगलवार को संतों के क्षेत्र में बने कथा पंडालों में कार्यक्रम शुरू हो गए। ढोलक व चिमटे की थाप पर हो रहे भजन-कीर्तन व कथाओं में लोग तल्लीन दिखाई दिए। वहीं बिजली, पानी व सफाई की व्यवस्था ठीक न होने के कारण संतों में नाराजगी है। संत समिति के अध्यक्ष ने मेला शुभारंभ में वरिष्ठ अधिकारियों के न आने पर सवाल खड़े किए। रामनगरिया में संतों के क्षेत्र में कथा पंडाल बनाए गए हैं। कई संतों के यहां दोपहर को कथाएं शुरू हो गईं। कहीं मानस की चौपाइयों की गूंज तो कहीं श्रीमछ्वागवत के अमृतवर्षा में श्रद्धालु रमे रहे। सुखियापुर धाम अन्न क्षेत्र में कथा पंडाल में पं. विश्वनाथ शास्त्री चंचल ने हारमोनियम पर भजन सुनाकर शमां बांधी। ढोलक वादक संटी व चिमटा वादक कल्लू बाबा ने संगत दी। मेले में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान दिन भर चलते रहे। आचार्य प्रदीप नारायण शुक्ल ने भगवान शिव का अभिषेक संपन्न कराया। संत समिति के अध्यक्ष महंत सत्यगिरि ने कहा कि पिछले साल भी रामनगरिया के दौरान कोरोना का साया था, लेकिन अधिकारियों के ²ढ़ निश्चय से मेला सकुशल संपन्न हो गया। व्यवस्थाएं भी ठीक रहीं, लेकिन इस बार तो मेले के शुभारंभ में भी वरिष्ठ अधिकारी नहीं आए, यह अच्छी परंपरा नहीं है। उन्हें पता है कि परंपरागत पूजा-अर्चना पर कोई रोक नहीं है। मेले में संत व कल्पवासी हैं, जिनका आशीर्वाद सबके साथ है। पानी की समस्या है, रोशनी भी नहीं मिल पाई है। अतिक्रमण भी नहीं हटाया गया। आदर्श क्षेत्र में गंदगी से नाराज महंत शिवस्वरूप ब्रह्मचारी ने भी व्यवस्था पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में कई दिनों से सफाई नहीं हुई है।