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बैंक प्रबंधक पर रिश्वत का आरोप लगा कलेक्ट्रेट में पी डाई

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : ऋण जारी करने के लिए आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के प्रबंधक पर रिश्वत

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Jan 2019 11:21 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2019 11:21 PM (IST)
बैंक प्रबंधक पर रिश्वत का आरोप लगा कलेक्ट्रेट में पी डाई
बैंक प्रबंधक पर रिश्वत का आरोप लगा कलेक्ट्रेट में पी डाई

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद :

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ऋण जारी करने के लिए आर्यावर्त ग्रामीण बैंक के प्रबंधक पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाकर एक युवक ने बुधवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी कक्ष के बाहर डाई पी ली। उसके अचेत होते ही परिसर में अफरातफरी मच गई। आननफानन उसे लोहिया अस्पताल पहुंचाया गया। इलाज के बाद उसकी हालत सामान्य है। वहीं, बैंक प्रबंधक और लीड बैंक प्रबंधक के अनुसार युवक तीन बैंकों का डिफाल्टर है। पुराने कर्ज चुकता नहीं करने पर नया ऋण नहीं दिया गया।

अस्पताल में होश आने पर गैसिंगपुर निवासी दीपक शर्मा ने बताया कि गांव में उसकी फर्नीचर की दुकान है। वर्ष 2017 में दुकान के लिए उसने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत जिला उद्योग केंद्र में पांच लाख रुपये के ऋण के लिए आवेदन किया था। आरोप लगाया कि डीआइसी में 10 हजार रुपये लिए गए फिर फाइल आर्यावर्त ग्रामीण बैंक भेजी गई। बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में 20 हजार रुपये लेकर मुरहास शाखा प्रबंधक के पास भेजी गई। उन्होंने 20 हजार रुपये रिश्वत लेकर ऋण स्वीकृत करने का आश्वासन दिया था लेकिन उनका तबादला हो गया। उनके स्थान पर आए शाखा प्रबंधक अरविंद कुमार ने 30 हजार रुपये मांगे। दीपक का कहना है कि उन्हें केवल 15 हजार रुपये ही दे सका इसलिए दो महीने पहले उसकी फाइल खारिज कर दी गई। कई बैंकों का डिफाल्टर है दीपक

फर्रुखाबाद : कलेक्ट्रेट परिसर में डीएम कक्ष के सामने डाई पीने वाले युवक पर कई बैंकों का बकाया है। उसके कई लोन डिफाल्ट भी हो चुके हैं। यह कहना है आर्यावर्त बैंक और जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक का।

लीड बैंक मैनेजर केएम उपाध्याय ने बताया कि दीपक कई बैंकों से ऋण ले चुका है। वर्ष 2016 में उसने ग्रामीण बैंक की मुरहास शाखा से 36 हजार रुपये किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लिए। इसके बाद इसी भूमि के आधार पर आइडीबीआइ बैंक से 52 हजार का केसीसी बनवाया। केसीसी की इस राशि के अलावा डेयरी के लिए अपने नाम 50 हजार और पत्नी के नाम पर एक लाख का ऋण लिया। मोटर साइकिल के लिए भी 40 हजार का ऋण लिया गया। एलडीएम ने बताया कि उन्होंने ग्रामीण बैंक से जानकारी मांगी थी। प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार दीपक का 2.10 लाख रुपये का डिफाल्टर बताया गया है। इन ऋणों की किस्तें ही नहीं जमा की जा रही है। नियम है कि डिफाल्टर जब तक पुरानी रकम न अदा कर दे, उसे नया ऋण नहीं मिल सकता है। बहन की शादी में लिए थे दो लाख

दीपक ने बताया कि उसकी मां सूरज कुमारी गांव के प्राथमिक विद्यालय में रसोइया हैं। घर में पत्नी ज्योति, यश, पूर्वी व दक्ष तीन बच्चे हैं। दो वर्ष पूर्व बड़ी बहन मीनू की शादी में जमीन गिरवी रखकर साहूकारों से डेढ़ लाख रुपये का कर्ज लिया था। दीपक शर्मा की फाइल मेरी ब्रांच में 07 अगस्त 2018 को आई थी। दीपक पर पहले से लोन था, साथ ही आइडीबीआइ बैंक की सकवाई शाखा से भी उसी भूमि पर ऋण लिया गया था। इसलिए 30 अगस्त को उनकी फाइल निरस्त कर वापस कर दी गई थी।

- अरविंद कुमार, मुरहास शाखा प्रबंधक, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक युवक द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। प्रशिक्षण और जांच के बाद फाइल बैंक को भेज जाती है। इसके लिए किसी से कोई पैसा नहीं लिया जाता है।

- एसएस कटियार, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र युवक ने किन हालात में डाई पी और सच्चाई क्या है, इसकी जांच कराई जा रही है। तथ्य के अनुसार दोषी पर कार्रवाई की जाएगी।

- मोनिका रानी गर्ग, जिलाधिकारी


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