बंद का नहीं दिखा कोई असर, खुले रहे बाजार
- ज्ञापन देकर निभाई गई औचारिकता - मात्र 14 नेता व कार्यकर्ता रहे मौजूद संवाद सहयोगी का
- ज्ञापन देकर निभाई गई औचारिकता
- मात्र 14 नेता व कार्यकर्ता रहे मौजूद संवाद सहयोगी, कायमगंज : क्षेत्र में कई किसान संगठन होने से बावजूद किसान आंदोलन के भारत बंद में न तो किसी ने यहां बंद का आह्वान किया, न ही बंद का कोई असर रहा। पूरा बाजार खुला, सभी सेवाएं जारी रहीं। सिर्फ दो किसान संगठनों की ओर से तहसील कार्यालय में सांकेतिक धरना व ज्ञापन देकर आंदोलन की औपचारिकता की गई। जिसमें दोनों किसान संगठनों के 14 नेता व कार्यकर्ता मौजूद मिले।
भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राजाराम शर्मा व भारतीय किसान एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दुर्गा नरायन मिश्रा के नेतृत्व में दोनों संगठनों के सिर्फ 14 लोग किसान आंदोलन के क्रम में तहसील कार्यालय पहुंचे और दरी बिछाकर धरना देने को बैठ गए। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा स्थानीय समस्याओं जैसे क्षेत्र में फैले डेंगू, मलेरिया व बुखार के नियंत्रण के लिए लचर स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिसिया उत्पीड़न, नगर पालिका द्वारा मच्छरों की रोकथाम व सफाई की उपयुक्त व्यवस्था न करने व बंदरों व कुत्तों की भरमार पर नियंत्रण व उन्हें पकड़ने की व्यवस्था न करने जैसे मुद्दे उठाए गए। दोनों संगठनों की ओर से अलग अलग दो ज्ञापन उपजिलाधिकारी सुनील यादव को दिए गए। इस दौरान मुन्ना लाल सक्सेना, रागिब हुसैन खां, भूप किशोर, ईश्वर दयाल, सुनील कुमार दुबे, प्रताप सिंह गंगवार, विनीत कुमार सक्सेना आदि मौजूद रहे।
शमसाबाद में दुकान बंद कराने किया प्रयास
शमसाबाद : भाकियू जिलाध्यक्ष रामबहादुर राजपूत के नेतृत्व में जिला महासचिव संजय गंगवार के प्रतिष्ठान गंगा रोड पर किसान नेता एकत्र हुए। वहां से जलूस बनाकर बाजार बंद कराने के लिए नारेबाजी करते हुए बाजार मंडी, बाजार कला, मुख्य बाजार व थाना चौराहा तक दुकानें बंद कर सहयोग करने की अपील की। जबरन दुकान कराने पर दुकानदार व किसान नेताओं के बीच नोकझोंक भी हुई। साथ चल रही पुलिस ने समझा कर मामले को शांत किया। दुकानदारों ने दुकानें बंद नहीं की। इसके बाद गंगा रोड पर पहुंच कर बैठक की तथा वहीं पड़ोस की दुकानें बंद करा दीं। एसडीएम सुनील यादव व सीओ सोहराब आलम को ज्ञापन सौंपा।
नवाबगंज व मोहम्मदाबाद में खुला रहा बाजार
नवाबगंज : भाकियू टिकैत गुट के जिलाध्यक्ष अरविद शाक्य के नेतृत्व में कार्यकर्ता उनके आवास पर एकत्रित हुए। वहां से डीजे के साथ सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए फतेहगढ़ चले गए। नवाबगंज बाजार बंदी का कोई असर नजर नहीं आया। जिससे पूरा बाजार खुला रहा। मोहम्मदाबाद कस्बा में किसान आंदोलन का कोई असर नहीं दिखाई दिया। बाजार पूरी तरह खुला रहा। इसके अलावा नीबकरोरी, खिमसेपुर व ज्योंता में भी बाजार खुला रहा। नीबकरोरी व पखना रेलवे स्टेशन पर पुलिस तैनात रही।