अभियान ठप होने से पर्यावरण में फिर जहर घोलने लगी पॉलीथिन
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में कुछ दिन तो अंकुश लगा रहा, लेकिन अफसरों की लापर
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर में कुछ दिन तो अंकुश लगा रहा, लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण पॉलीथिन फिर से पर्यावरण में जहर घोलने लगी। धड़ल्ले से दुकानदार इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। थोक दुकानदारों ने भी अपने यहां इसे खूब स्टाक कर लिया है।
न्यायालय के आदेश पर शासन ने पॉलीथिन व थर्माकोल के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। इसके लिए मानक तय किए गए थे। छापामार टीमें बनी थीं, नगर निकायों से पॉलीथिन व थर्माकोल का इस्तेमाल न होने का प्रमाण पत्र भी मांगा गया था। इसका असर कुछ दिन दिखाई दिया। दुकानदार चोरी छिपे पॉलीथिन में सामान बेचते थे। कागज के लिफाफे दिखने लगे थे। चे¨कग अभियान बंद हो गए, अब सब्जी विक्रेताओं से लेकर मिष्ठान व अन्य दुकानदारों के यहां पॉलीथिन में ही सामान बिक रहा है। दुकानदारों का तर्क यह है कि ग्राहक झोला लेकर आने की आदत नहीं डाल सके, इससे बिक्री प्रभावित हुई। पॉलीथिन थोक में भी उपलब्ध है, जिससे वह लोग फिर पॉलीथिन का उपयोग करने लगे। थर्माकोल के गिलास भी दुकानों पर आ गए हैं। थोक दुकानदारों के यहां तो लाखों रुपये माल पहले से ही भरा था। यह लोग परेशान थे। बताया गया है कि अब दिल्ली व कानपुर जैसे शहरों में भी पॉलीथिन थोक में आने लगी है। इसी वजह से अब कूड़े के ढेरों में पॉलीथिन की मात्रा फिर बढ़ गयी है।
नगर पालिका के प्रभारी ईओ व एएसडीएम रमेश चंद्र यादव ने बताया कि पॉलीथिन शुरू होने की जानकारी मिल गयी है। चार टीमें गठित कर दी गयी हैं। शुक्रवार से चे¨कग अभियान फिर शुरू होगा।