Move to Jagran APP

पानी उतरने के बाद गांव में बीमारियों की 'बाढ़'

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा के जलस्तर में हो रही कमी से गांवों से बाढ़ का पानी

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:18 PM (IST)
पानी उतरने के बाद गांव में बीमारियों की 'बाढ़'
पानी उतरने के बाद गांव में बीमारियों की 'बाढ़'

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा व रामगंगा के जलस्तर में हो रही कमी से गांवों से बाढ़ का पानी निकलने लगा है, लेकिन गांवों में बीमारियों की बाढ़ आ गई है। ग्रामीण संक्रामक रोग से पीड़ित हैं और झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं। अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या दो गुनी हो गई है।

loksabha election banner

गुरुवार को गंगा का जलस्तर 25 सेंटीमीटर घटकर 136.35 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 64435 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 25 सेंटीमीटर कम हो जाने से 135.70 मीटर पर पहुंच गया है। उधर गंगा का जलस्तर कम होने के बाद भी भुड़रा, पट्टी भरखा, जोगराजपुर, आशा की मड़ैया व सैदापुर गांव में बाढ़ का पानी भरा है। जिससे पीड़ित अभी भी सड़क के किनारे पालीथीन के नीचे परिवार के साथ गुजर करने को मजबूर हैं। गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद बीमारियों की बाढ़ आ गई है। ग्रामीण जुकाम, बुखार, खांसी से परेशान है। बाढ़ प्रभावित गांव तीसराम की मड़ैया व बंगला में मंजीत, ऋषिपाल, गुड्डू, बबलू, नन्हीं देवी, कमला, छोटी बिटिया, रानी, बड़ी बिटिया व रामवीर बुखार से पीड़ित हैं। अहलादपुर भटौली में शिवरतन, मनोज, मीरा आदि को भी बुखार है। सुंदरपुर में बबलू, रामजी, नन्हें, रानी व सुमन आदि बुखार से परेशान हैं। पीड़ित झोलाछाप से इलाज कराने को मजबूर हैं।

आशा की मड़ैया के राजेश की पत्नी रीता व पुत्री मोहनी बुखार से पीड़ित हैं। गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी भरा है। तबियत अधिक खराब होने पर राजेश पुत्री और पत्नी को बैलगाड़ी से ले जाकर जमापुर स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया है। बाढ़ प्रभावित गांवों में संक्रामक रोगों ने पैर पसार लिए हैं। जिससे ग्रामीण परेशान हैं।

रामगंगा का जलस्तर कम होने से अहलादपुर भटौली गांव के निकट उपजाऊ भूमि कट रही है, जिससे ग्रामीण ¨चतित हैं। शिवरतन बताते हैं कि नदी की धार से गांव के निकट कृषि भूमि कट रही है। गांव में कटान रुक जाने से ग्रामीणों को कुछ राहत मिल गई है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या हुई दोगुनी

बाढ़ का पानी गांव से उतरने के बाद ग्रामीण जुकाम बुखार से पीड़ित हैं। जिससे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ हो गई है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमृतपुर में गुरुवार को सुबह से मरीजों की भीड़ लग गई। अस्पताल में तीन सौ से अधिक मरीजों ने दवाइयां ली। डा. गौरव वर्मा बताते हैं कि अस्पताल में सौ से डेढ़ सौ मरीज आते थे, लेकिन अब मरीजों की संख्या तीन सौ से पार हो गई है। सबसे अधिक मरीज बुखार, जुकाम, खांसी व त्वचा रोग से पीड़ित हैं। अस्पताल में दवाइयां हैं। सीएचसी राजेपुर में मरीजों की भीड़ रही। सीएचसी में गुरुवार को 425 मरीजों ने दवाइयां ली। डा. प्रमित राजपूत बताते हैं कि अस्पताल में एंटीबायोटिक व डायबिटीज दवाइयां नहीं है। जुकाम व बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। चपरा के प्राथमिक स्कूल में कैंप लगाकर डा. वैभव पाठक व फार्मासिस्ट आशीष शुक्ला ने मरीजों को चेकअप कर दवाइयां वितरित की। बाढ़ शरणालय बंद

बाढ़ पीड़ितों के ठहरने के लिए बनाये गए अहलादपुर भटौली व पट्टी भरखा में शरणालय बनाये गए थे। जिसमें पीड़ितों को भोजन व ठहरने की व्यवस्था की गई थी। बाढ़ शरणालय से पंडाल उखड़वा लिया गया है और भोजन की व्यवस्था भी बंद कर दी गई है। एसडीएम रमेशचंद्र यादव ने बताया कि गांवों से बाढ़ का पानी निकल गया है और ग्रामीण अपने घरों में पहुंच रहे हैं। बाढ़ शरणालय बंद कर दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.