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किसानों को मंडी कर्मियों व आढ़तियों के मकड़जाल से आजादी का नया सवेरा

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद किसानों को अब अपनी फसल को खेत से लेकर देश के किसी भी भाग मे

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:39 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:10 AM (IST)
किसानों को मंडी कर्मियों व आढ़तियों के मकड़जाल से आजादी का नया सवेरा
किसानों को मंडी कर्मियों व आढ़तियों के मकड़जाल से आजादी का नया सवेरा

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : किसानों को अब अपनी फसल को खेत से लेकर देश के किसी भी भाग में ले जाकर सीधे खरीदार को बेचने का अधिकार सरकार की नई पहल है। निश्चित रूप से यह किसानों के लिए मंडी कर्मियों और आढ़तियों के मकड़जाल से आजादी के नए सवेरे की तरह साबित होगा।

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कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में 2,35,411 लघु एवं सीमांत कृषक है जबकि मात्र 14,589 ही बड़े किसान हैं। जनपद में अभी तक कांट्रेक्ट फार्मिंग का इतिहास नहीं है। जिले में विगत वर्ष से लगभग आधा दर्जन एफपीओ फार्म प्रोड्यूस आर्गेनाइजेशन संचालित हैं। नई व्यवस्था से एफपीओ के गठित होने और उनके द्वारा किसानों की फसल के लिए बेहतर विपणन व्यवस्था के पनपने की संभावना बढ़ी है। जागरण की इस मामले में विभिन्न पहलुओं पर पड़ताल से स्पष्ट है कि कांट्रेक्ट फार्मिंग की भी शुरुआत होने की संभावना बढ़ेगी।

बिचौलियों का वर्चस्व होगा समाप्त

यह एक अच्छी पहल है। किसानों को उनके उत्पादों के परिवहन व बिक्री पर लगे विभिन्न प्रतिबंध हटाने से किसानों को लाभ मिलेगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम और मंडी कानूनों के चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। मजबूरी में किसान अपना उत्पाद स्थानीय आढ़तियों को ही बेचने को मजबूर होते थे।

प्रोफेर एमएस सिद्दीकी, वरिष्ठ अर्थशास्त्री। कांट्रेक्ट फार्मिंग को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश सरका ने तो किसानों की उपज के परिवहन संबंधी प्रतिबंध पहले ही लगभग एक वर्ष पूर्व हटा लिए थे। हालांकि किसान जानकारी के अभाव में इसका भरपूर उपयोग नहीं कर पा रहे थे। वहीं दूसरे प्रांतों में उपज ले जाने पर किसानों को परेशानी होती थी। अब केंद्र सरकार की पहल के बाद किसानों के लिए पूरे देश में कहीं भी अपनी फसल बेचना आसान होगा। कांट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा मिलेगा और किसान की फसल का मूल्य उसे खेत में ही मिल जाएगा।

डॉ. आरके सिंह, जिला कृषि अधिकारी। बड़े किसानों को ही मिल सकेगा लाभ

प्रगतिशील किसान मुन्नू सिंह बताते हैं कि सरकार की योजना तो ठीक है, लेकिन उसका लाभ अधिकांश बड़े किसानों को ही मिल सकेगा। छोटे किसान के पास इतनी उपज और संसाधन ही नहीं होंगे कि वह उसे लेकर कहीं बेचने जाए। अभी देखना होगा कि योजना का कितना लाभ आम किसानों को मिल पाता है। कांट्रेक्ट फार्मिग में किसानों के हितों की रक्षा के लिए भी नियम बनाने की जरूरत होगी।

मुन्नू सिंह, प्रगतिशील किसान। छोटे किसानों के हितों की रक्षा हो

आलू जनपद की मुख्य फसल है। अभी भी आलू यहां से देश की हर बड़ी मंडी में जाता है। इसके बावजूद किसान घाटे में रहता है। इसके अलावा हर किसान की अलग फसल होती है। अब छोटी जोत के अलग-अलग किसानों के लिए फसल को किसी बड़ी मंडी में ले जाने में भी समस्या आएगी। अभी इस दिशा में और काम होने की जरूरत है।

नारद सिंह कश्यप, प्रगतिशील किसान।


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