कानपुर देहात में अनुसूचित जाति के 70 लोगों ने अपनाया बौद्ध धर्म
संवादसूत्र सरवनखेड़ा (कानपुर देहात) मंगटा गांव के अनुसूचित जाति के 70 लोगों ने धर्मातरण कर
संवादसूत्र, सरवनखेड़ा (कानपुर देहात) : मंगटा गांव के अनुसूचित जाति के 70 लोगों ने धर्मातरण कर बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया। 14 अक्टूबर को कानपुर फिर विजयादशमी (दशहरा) पर पुखरायां में हुए कार्यक्रम में इन लोगों ने दीक्षा लेकर धर्म परिवर्तन किया। उनका कहना है कि गांव में भेदभाव से आहत होकर स्वेच्छा से ये कदम उठाया है।
गांव के मनफूल, पंकज कुमार, अरविद, चुन्नी लाल, विमल कुमार, रवि कुमार, नरेंद्र कुमार, राजेंद्र, लालजी समेत करीब 50 लोगों ने 14 अक्टूबर को कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में बौद्ध भवन कानपुर में दीक्षा लेकर धर्म परिवर्तन किया। वहीं दशहरा के दिन अमित, श्रीबाबू, भूरा, महेश, दारा सिंह, गौरव, आशीष समेत करीब 20 लोगों ने पुखरायां में आयोजित धम्म सम्मेलन में धर्म परिवर्तन किया।
धर्मातरण करने वालों का आरोप है कि गांव में बीती 13 फरवरी को एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान जातीय संघर्ष में अनुसूचित जाति के करीब 25 लोग घायल हो गए थे। इसको लेकर दूसरी बिरादरी के 30 नामजद व 15 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। भुइयादीन ने कहा कि हमारी बिरादरी के काफी लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है। दूसरे वर्ग के लोग छुआछूत व भेदभाव करते हैं। हमारे शादी व अन्य कार्यक्रमों मे शामिल नहीं होते। इसी के चलते धर्म परिवर्तन किया है। रामरतन ने कहा कि समाज में हमें और हमारे बच्चों को अपेक्षित सम्मान नहीं मिल रहा था। रमेश का कहना था कि लगातार हम लोगों की अनदेखी की जा रही है। महेश ने कहा कि हमारे समुदाय को हीनभावना से देखा जाता है। बौद्ध धर्म अपनाने का यही कारण है। उनका कहना है कि धर्मातरण में किसी का दबाव नहीं रहा।