पिछले वित्तीय वर्ष के 50 प्रधानमंत्री आवास अभी तक अपूर्ण
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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभार्थी चयन और अनुदान वितरण की प्रक्रिया को मनरेगा की तरह योजना डिजिटल और काफी हद तक पारदर्शी कर दिए जाने के चलते अब ग्राम स्तरीय सरकारी कारिदों की रुचि कम हो गई है। यही कारण है कि शासन और प्रशासन के लाख दबाव के बावजूद योजना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पा रही है। स्थिति यह है कि अभी पिछले वित्तीय वर्ष के ही 50 आवास अपूर्ण पड़े हैं। इस वर्ष का लक्ष्य अभी तक जनपद को प्राप्त नहीं हुआ है।
पीएम आवास ग्रामीण योजना में लाभार्थी चयन पूर्व निर्धारित पात्रता सूची के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा चयन के बाद से निर्माण पूर्ण होने तक की सभी किस्तें सीधे लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित की जाती हैं। चयन और अनुदान वितरण में सीधा दखल बंद होने के चलते योजना ग्राम स्तरीय कर्मचारियों की उपेक्षा का शिकार हो रही है। विगत तीन वित्तीय वर्षों में जनपद में पंजीकृत 11208 लाभार्थियों के सापेक्ष जनपद को 10860 आवासों का लक्ष्य मिला था। इसके सापेक्ष 11031 की जियो-टैगिग हो सकी। इसके आधार पर 10782 के आवास स्वीकृत हुए। इनमें भी 10764 के ही खाते सत्यापित हो सके। इनमें से 10522 के ही आवास पूर्ण हो सके हैं। परियोजना निदेशक डीआरडीए लालजी यादव ने बताया कि आवास निर्माण लगभग पूर्ण हो चुके हैं। 75 लाभार्थी अपात्र पाए गए, कुछ लाभार्थियों का पहली किस्त भेजे जाने के बाद ही देहांत हो गया। उनके वारिस भी मौजूद नहीं हैं। इनके मामले में शासन को लिखा गया है। इसके अलावा कुछ लाभार्थी आवास अनुदान स्वीकृति के बाद बाहर चले गए या भूमि विवाद के कारण अनुदान लंबित है। कई मामलों में तकनीकी त्रुटि के चलते शासन से भेजा गया पैसा लाभार्थियों के खातों में नहीं पहुंचा है। इनके बारे में शासन को लिखा जा चुका है। लगभग आधा सैकड़ा आवास अपूर्ण हैं, इनमें शीघ्र ही काम पूर्ण कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास
पंजीकृत - 11208
लक्ष्य - 10860
जियो-टैगिग - 11031
स्वीकृत - 10782
खाता सत्यापन - 10764
भवन पूर्ण - 10522