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37 हफ्तों के कठिन प्रशिक्षण में तपकर सैनिक बने 286 रिक्रूट

सिखलाई रेजिमेंटल सेंटर के चटर्जी परेड ग्राउंड पर सोमवार सुबह आयोजित पासिग आउट परेड में 2

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:17 AM (IST)
37 हफ्तों के कठिन प्रशिक्षण में  तपकर सैनिक बने 286 रिक्रूट
37 हफ्तों के कठिन प्रशिक्षण में तपकर सैनिक बने 286 रिक्रूट

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सिखलाई रेजिमेंटल सेंटर के चटर्जी परेड ग्राउंड पर सोमवार सुबह आयोजित पासिग आउट परेड में 286 रिक्रूट देश सेवा की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल हुए। इस अवसर पर सेंटर कमांडेंट ने ब्रिगेडियर जीएस जम्वाल सैनिकों को भारतीय सेना के शौर्य और वीरता की परंपरा में शामिल होने के लिए बधाई दी। 37 हफ्तों के लंबे और कठिन प्रशिक्षण के बाद ग्राउंड पर उतरे रिक्रूट्स की परेड देख दर्शक दीर्घा तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।

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गुलाबी मौसम की खुशगवार सुबह। चटर्जी ग्राउंड हरी वर्दी में सजे 286 रणबांकुरों की सैन्य बैंड की धुन पर कदमताल से गूंज उठा। मंच के सामने वाले गेट से रिक्रूट्स की टोलियां कतारबद्ध ढंग से रेजीमेंटल कलर और राष्ट्रध्वज को थामें ग्राउंड पर उतरीं तो दर्शक दीर्घा में बैठे परिजनों ने सहज भाव से तालियों के साथ उनका स्वागत किया। आकर्षक ड्रिल प्रजेंटेशन के बाद सेंटर कमांडेंट ने खुली जीप पर सवार होकर परेड का निरीक्षण किया। 37 हफ्तों का कठिन प्रशिक्षण पूर्ण कर भारतीय सेना शामिल होने से पूर्व 286 रिक्रूट्स को देश सेवा की शपथ दिलाई गई। धार्मिक शिक्षक नायब सूबेदार राजविदर सिंह व ट्रेनिग बटालियन सूबेदार मेजर बलवीर सिंह ने एडज्यूटेंट मेजर दीपक चौधरी के साथ रणबांकुरों को मातृ भूमि की रक्षा में प्राणों के बलिदान तक से पीछे न हटने की शपथ दिलाई। पासिग आउट परेड के दौरान अपने रिव्यू संबोधन के दौरान सेंटर कमांडेंट ने जवानों को भारतीय सेना के वीरता और शौर्य के इतिहास की परंपरा में शामिल होने के लिए बधाई दी। इस अवसर पर प्रशिक्षण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बेस्ट रिक्रूट रोबिन सिहं व इंद्रजीत सिंह को पदक लगाकर सम्मानित किया। परेड के समापन पर सेंटर कमांडेंट ने रिक्रूट्स के परिजनों को भी मेडल भेंट किए।


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