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युवाओं का 'हेल्पिग हैंड' पहुंचा रहा मदद

फेसबुक पर बना एकाउंट बन रहा लोगों के लिए संजीवनी.दो सौ सदस्य निकालते समस्या का हल. ऑन डिमांड मरीजों को पहुंचाया आक्सीजन रेगुलेटर व दवा.

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:05 PM (IST)
युवाओं का 'हेल्पिग हैंड' पहुंचा रहा मदद
युवाओं का 'हेल्पिग हैंड' पहुंचा रहा मदद

अयोध्या: कोरोना महामारी को थामने के लिए सरकार के अलावा समाज उठ खड़ा हो रहा है। मरीजों की मदद के लिए जहां संसाधन युक्त चेहरे आगे आ रहे हैं तो वहीं युवा भी जज्बे व हुनर के जरिए कोरोना पीड़ितों की मदद में लगे हैं। छात्र नेता शिवांशु त्रिपाठी ने हेल्पिग एकाउंट बनाया उस समय बनाया जब कोरोना ने रौद्र रूप लेना शुरू किया। समूह के समन्वय से लोगों की मदद के लिए हेल्पिग हैंड नामक एकाउंट फौरन बना डाला। इसी के माध्यम से लोगों तक आक्सीजन, प्लाज्मा, दवा, रेगुलेटर आदि पहुंचाने की कोशिश शुरू की। देखते ही देखते दो सौ युवा जुड़ कर मरीजों का दर्द कम करने लगे। इसमें तकरीबन तीन सौ से सदस्य हैं। सौ से अधिक लोगों की मदद तो अयोध्या जिले में हुई। लोगों को आक्सीजन, रेगुलेटर, दवा व ब्लड व प्लाज्मा का सहयोग दिया गया। हालांकि ग्रुप को संचालित करने वाले शिवांशु बताते हैं कि कई बार सदस्यों व समाज का सहयोग न मिलने के कारण निराशा हाथ लगी। शुरू में आक्सीजन का सहयोग नहीं कर पाया। पर जैसे जैसे सदस्य बढ़े मदद की कतार भी बढ़ती चली गई। उन्होंने बताया कि 25 सदस्य सक्रिय होकर प्रत्येक सूचना पर आगे आए। प्लाज्मा कुछ ही लोगों को दिलाया पाया। मदद पाने वाले रामनगरी के कनीगंज के अर्जुन पांडेय, रानोपाली की अनामिका मिश्रा व साहबगंज के राहुल यादव इस प्रयास को सराहते नहीं थकते।

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इस तरह होती जरूरतमंदों की मदद

अयोध्या: यह ग्रुप फेसबुक पर हैं। जिस मरीज की जो डिमांड होती है, वह इसी ग्रुप पर पोस्ट करता है और फिर यहीं पर अंकित नंबर पर फोन कर स्थान व जरूरत की सामग्री की जानकारी देता। बाद में सदस्यों के बीच ऑनलाइन संवाद से यह पता किया जाता है कि जरूरत की सामग्री कहां मिलेगी। जब इसका पता चलता तो फौरन नजदीकी सदस्य के माध्यम या पीड़ित परिवार को बुलाकर इसे दे दिया जाता है। इस ग्रुप को बनाने का निर्णय बढ़ती समस्या को देख कर किया गया। ग्रुप पर ही परेशान मरीज अपनी डिमांड करते और हम आपस में ही चर्चा कर उनका डोनर खोज लेते थे। इस समय स्थिति में सुधार आया है। अप्रैल 24 से दो मई तक का समय बेहद परेशानी वाला रहा।

शिवांशु त्रिपाठी- हेल्पिग हैंड एकाउंट के संचालक


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