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खतरे में नारी अस्मिता, पुलिस बनी 'धृतराष्ट्र'

फैजाबाद : केस एक- अयोध्या कोतवाली क्षेत्र में मनचलों की हरकत से तंग आकर 2012 में एक युवत

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 11:44 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 11:44 PM (IST)
खतरे में नारी अस्मिता, पुलिस बनी 'धृतराष्ट्र'
खतरे में नारी अस्मिता, पुलिस बनी 'धृतराष्ट्र'

फैजाबाद : केस एक- अयोध्या कोतवाली क्षेत्र में मनचलों की हरकत से तंग आकर 2012 में एक युवती ने आत्मदाह कर लिया। मामला गंभीर हुआ तो मुकदमा दर्ज हुआ। उन्हीं बदमाशों ने अब दिवंगत युवती की बहन को अपना निशाना बना रखा है। परेशान छात्रा का स्कूल जाना लगभग बंद हो चुका है। 2017 में इन्हीं लोगों के खिलाफ छात्रा के परिवार ने मुकदमा लिखवाने का प्रयास किया, लेकिन कोतवाली से परिवार को झिड़की देकर वापस कर दिया गया। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ, पर कार्रवाई नहीं हुई। अब पुलिस ये कहकर पीड़ित परिवार की बात को खारिज कर रही है कि 2017 के सभी मुकदमे निपट चुक हैं। पुलिस सच कह रही है कि तो फिर अयोध्या में पीड़ित परिवार के साथ ये सब क्या हो रहा है?केस दो- महराजगंज थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली किशोरी को कुछ लोग जबरिया बोलेरो में बैठाकर अगवा कर लेते हैं। उसके साथ दुष्कर्म करते हैं। हवस पूरी होने के बाद गांव में निर्जन स्थान पर छोड़कर चले जाते हैं। पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं थानेदार की झिड़की मिली। मां को अपशब्द कहे गए। सूचना गोसाईंगंज विधायक इंद्रप्रताप तिवारी तक पहुंची तो पुलिस हरकत में आई। जिले के पांचों विधायक पीड़िता के घर पहुंचे, ताकि पुलिस से मिले अपमान का जख्म भरा जा सके। आरोपियों पर कार्रवाई हुई, लेकिन पुलिस वालों की जवाबदेही तय नहीं हुई।

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'खाकी'की हकीकत बयां करने के लिए इन वारदातों का जिक्र आवश्यक है। ये ऐसी वारदातें है, जिसमें इंसाफ दिलाने की जगह पुलिस पीड़ित परिवार का मजाक उड़ाती नजर आई। वारदात को लेकर जिम्मेदार धृतराष्ट्र बने रहे और मातहत चीरहरण करने वालों के साथ दिखे। महिला अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस एंटीरोमियो स्क्वायड के नाम बागों में छापेमारी व वाहन चे¨कग कर राजस्व वसूली तक सिमटी है। महिलाओं की इज्जत से खिलवाड़ करने वाले भयमुक्त नजर आते हैं। मुकदमा दर्ज भी हुआ तो कार्रवाई के बजाए खाकी सुलह अथवा हीलाहवाली कर आरोपियों का संरक्षण करती दिखी।

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डीआइजी की बैठक में हर बार मिलती है नसीहत

फैजाबाद : महिला अपराधों में प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश डीआइजी ओंकार ¨सह हर बैठक में देते हैं। पुलिस कप्तान उनकी बात को सुनकर अमल में लाने की बात करते हैं, लेकिन अयोध्या व महराजगंज की घटनाएं ये बताने के लिए काफी हैं कि उच्चाधिकारियों के आदेश का जमीनी स्तर पर कोई अनुपालन नहीं हो रहा है।


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