संविधान संशोधन बिना नहीं वापस होगा मस्जिद का क्लेम
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में अपीलकर्ता के प्रतिनिधि एवं हेलाल कमेटी के कंविनर खालिक अहमद खां ने कहा कहने को चाहे जो कुछ कहा जाय पर सच्चाई यह है कि संविधान में संशोधन के बिना बाबरी मस्जिद का क्लेम वापस नहीं लिया जा सकता। उन्होंने 1995 के वक्फ एक्ट की धारा 151 की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया मस्जिद कब्रिस्तान खानकाह ईदगाह आदि के स्वरूप और प्रयोग को नहीं बदला जा सकता और नहीं इसे बेंचा
अयोध्या : रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में अपीलकर्ता के प्रतिनिधि एवं हेलाल कमेटी के कंविनर खालिक अहमद खां ने कहा, कहने को चाहे जो कुछ कहा जाय पर सच्चाई यह है कि संविधान में संशोधन के बिना बाबरी मस्जिद का क्लेम वापस नहीं लिया जा सकता। उन्होंने 1995 के वक्फ एक्ट की धारा 151 की ओर ध्यान दिलाते हुए बताया, मस्जिद, कब्रिस्तान, खानकाह, ईदगाह आदि के स्वरूप और प्रयोग को नहीं बदला जा सकता और न ही इसे बेचा एवं उपहार में दिया जा सकता है। खालिक ने बताया कि 2013 के वक्फ एक्ट के संशोधन की धारा 29 में भी ठीक यही शर्त दोहराई गई है। यही बात शरीयत में भी निर्देशित है। इसके बाद भी यदि कोई मस्जिद का क्लेम वापस कराना चाहता है, तो उसे संविधान में संशोधन कराना होगा। वे सिविल लाइंस स्थित एक होटल में मीडिया से मुखातिब थे। इस मौके पर मामले के एक अन्य अपीलकर्ता मुफ्ती हस्बुल्लाह भी मौजूद रहे।