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उठानी होगी सिधी भाषा व साहित्य को बचाने की जिम्मेदारी

साईं नितिनराम ने कहाकि सत्संग व भजन के अलावा सिधी भाषा साहित्य व संस्कृति को भी बचाने की जिम्मेदारी सिधी संतों को उठानी होगी। सभी सिधी आश्रम मठ मंदिर व दरबारों से इसका प्रचार प्रसार करना होगा.

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 10:54 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 10:54 PM (IST)
उठानी होगी सिधी भाषा व साहित्य को बचाने की जिम्मेदारी
उठानी होगी सिधी भाषा व साहित्य को बचाने की जिम्मेदारी

अयोध्या : रामनगर कॉलोनी स्थित संत सतरामदास दरबार में चल रहे संत जन्मोत्सव के तीसरे दिन संतों से भाषा व साहित्य को बचाने का आह्वान किया गया। दरबार में आयोजित कार्यक्रम में साईं नितिनराम ने कहाकि सत्संग व भजन के अलावा सिधी भाषा, साहित्य व संस्कृति को भी बचाने की जिम्मेदारी सिधी संतों को उठानी होगी। सभी सिधी आश्रम, मठ, मंदिर व दरबारों से इसका प्रचार प्रसार करना होगा और सिधियत को जिदा रखने के लिए व्यापक मुहिम चलानी होगी। उन्होंने भाषा व साहित्य के संरक्षण संवर्धन के लिए सिधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ओमी के सिधियत बचाओ ऑनलाइन जागरूकता अभियान व सिधु सेवा समिति, भक्त प्रहलाद सेवा समिति एवं भारतीय सिधु सभा के आयोजनों की सराहना भी की। साईं नितिनराम ने विभिन्न भजनों की प्रस्तुति भी की। दरबार के प्रवक्ता ओमप्रकाश ओमी ने बताया कि संत जन्मोत्सव के तीसरे दिन नवलराम, पवन कुमार, कपिल कुमार और दर्शनलाल ने सिधी भजनों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में संत सतरामदास, संत रूणाराम, अमर शहीद संत कंवरराम, बाबा जगतराम व साईं वासदेवराम के चित्र पर माल्यार्पण कर आरती की गई। इस मौके पर ओमप्रकाश केवलरामानी, राजकुमार रामानी, घनश्याम मखेजा, नकुलराम, दिलीप बजाज, सुनील मंध्यान, जयरामदास केवलरामानी, ईश्वरदास लखमानी, मुकेश रामानी, योगेश बजाज, सौरभ लखमानी, सुनील रामानी, गुड्डू केवलरामानी आदि थे।

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