पॉवर लिफ्टर सीमा के पास विदेश जाने को पैसा नहीं
अयोध्या देश को पदक चाहिए लेकिन उसके लिए अपने खिलाड़ियों पर खर्च करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति से पॉवर लिफ्टर सीमा पांडेय जूझ रही हैं। इस बीच जब नगर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. शिवेंद्र सिन्हा को जानकारी मिली तो उन्होंने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए 50 हजार रुपये की मदद दी है। उन्होंने सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर सीमा को 50 हजार रुपए की धनराशि का चेक सौंपा। साथ ही सफलता की भी कामना भी की।
अयोध्या: देश को पदक चाहिए लेकिन उसके लिए अपने खिलाड़ियों पर खर्च करने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति से पॉवर लिफ्टर सीमा पांडेय जूझ रही हैं।
इस बीच जब नगर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. शिवेंद्र सिन्हा को जानकारी मिली तो उन्होंने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए 50 हजार रुपये की मदद दी है। उन्होंने सिविल लाइंस स्थित अपने आवास पर सीमा को 50 हजार रुपए की धनराशि का चेक सौंपा। साथ ही सफलता की भी कामना भी की।
राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर कई मेडल जीत चुकी सीमा पांडेय का चयन 24 जुलाई से रूस में होने वाली अंतरराष्ट्रीय पावर लिफ्टिग चैंपियनशिप के लिए हुआ है, लेकिन वहां जाने में उनके सामने सबसे बड़ा रोड़ा आर्थिक तंगी है। वे 17 जुलाई से दिल्ली में होने वाले कैंप में शामिल होंगी और वहां से 22 जुलाई को रूस के लिए रवाना होंगी। दंतधावन कुंड निवासी 24 वर्षीय सीमा स्ट्रांग वीमेन के तौर पर जानी जाती हैं। उनकी चार बहनें व दो भाई हैं। उनके पिता भवनाथ पांडेय पेशे से टूरिस्ट गाइड हैं और उसी की आमदनी से घर का खर्च चलाते हैं। सीमा ने पूर्व में छत्तीसगढ़ में हुई नेशनल पावर लिफ्टिग चैंपियनशिप में एक गोल्ड व तीन सिल्वर, हरिद्वार में सीनियर प्रतियोगिता में गोल्ड, नागपुर में हुई जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड हासिल किया है। अब उनका चयन रूस में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है। उनका कहना है कि पावर लिफ्टिग जैसे खेल के लिए सरकार बजट का रोना रोती है। ऐसे में उसे खुद के खर्च से ही रूस जाना होगा, जबकि घर की माली हालत ऐसी नहीं है। पिता ने इलाज के दौरान डॉ. शिवेंद्र सिन्हा से बेटी को रूस भेजने में मदद का आग्रह किया था। डॉ. सिन्हा ने शनिवार को सीमा को 50 हजार रुपये की धनराशि का चेक सौंपा।