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शिवसेना की काट मानी जा रही विहिप की धर्मसभा

अयोध्या : विहिप के संयोजन में 25 नवंबर को प्रस्तावित विराट धर्मसभा शिवसेना की काट मानी जा रह

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:49 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:49 PM (IST)
शिवसेना की काट मानी जा रही विहिप की धर्मसभा
शिवसेना की काट मानी जा रही विहिप की धर्मसभा

अयोध्या : विहिप के संयोजन में 25 नवंबर को प्रस्तावित विराट धर्मसभा शिवसेना की काट मानी जा रही है। इस समीकरण के पीछे आयोजन की तारीख है। शिवसेना ने पिछले महीने से ही 25 नवंबर को अयोध्या में सभा की तैयारी शुरू कर दी थी। तैयारी के सिलसिले में एक माह पूर्व ही अयोध्या पहुंचे शिवसेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने एलान किया था कि सभा के माध्यम से सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे राममंदिर के लिए कानून बनाने की मांग करेंगे। उन्होंने प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर व्यापक तैयारी का भी संकेत दिया था। ऐसे में यह अनुमान लगाया जाने लगा था कि शिवसेना मंदिर मुद्दा हथियाने की मुहिम के तहत रामनगरी में ही विहिप को चुनौती देगी। शिवसेना के जवाब में विहिप किस करवट बैठेगी, समीक्षकों के लिए यह उत्सुकता का विषय था। हालांकि किसी को यह अंदाजा नहीं था कि शिवसेना के जवाब में विहिप ऐन उसी तारीख को धर्मसभा का एलान करेगी, जिस दिन शिवसेना का कार्यक्रम प्रस्तावित है। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा स्पष्ट करते हैं कि गत माह विहिप की उच्चाधिकार समिति की बैठक के दौरान ही धर्मसभाएं करने का विचार प्रस्तुत हुआ था और इसी माह दिल्ली में संतों की बैठक में धर्मसभा की तारीख भी घोषित कर दी गई और इससे शिवसेना के कार्यक्रम का कोई लेना-देना नहीं है। इसके विपरीत शिवसेना विहिप की धर्मसभा को लेकर सकते में है। सोमवार को उद्धव ठाकरे के आगमन की तैयारियों को अंतिम रूप देने रामनगरी पहुंचे संजय राउत ने कहा, शिवस ना की दशहरा रैली में ही उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा का एलान कर दिया गया था और यदि वे चाहते तो धर्मसभा बाद में भी कर सकते थे। 25 की बजाय 24 को ही अयोध्या आएंगे उद्धव

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- शिवसेना ने भले ही 19 अक्टूबर को उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा और राममंदिर से जुड़े कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया था पर विहिप के कार्यक्रम को ध्यान में रखकर सोमवार को संजय राउत ने कार्यक्रम में तब्दीली का एलान किया। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना प्रमुख 25 की बजाय 24 नवंबर को ही अयोध्या पहुंचेंगे और अपराह्न प्रसिद्ध पीठ लक्ष्मणकिला के प्रांगण में 11 सौ संतों, आचार्यों एवं रामकथा के विद्वानों को सम्मानित करेंगे। 24 की रात फैजाबाद में गुजारने के बाद अगले दिन प्रात: रामलला का दर्शन और पूर्वाह्न लक्ष्मणकिला में ही मीडिया से बात करने के बाद वापस चले जाएंगे।


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