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दहेज के लिए भीख का कटोरा लेकर न घूमें : राज्यपाल

जासं कुमारगंज (अयोध्या) प्रदेश की राज्यपाल व राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने युवाओं को स्वास्थ्य संस्कृति और समाज से जुड़ने का मंत्र दिया। आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षा समारोह में उन्होंने दहेजलोभियों पर कड़ा प्रहार किया। कहा दहेज के लिए भीख का कटोरा लेकर न घूमें। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम अपने परिवार का भरण-पोषण तक नहीं कर सकते। राज्यपाल ने युवाओं को दहेज मुक्त विवाह करने का संकल्प दिलाया। कहा एक अध्ययन में यह तथ्य आया है कि गर्भावस्था से लेकर आठ वर्ष तक बच्चों का

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 11:35 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:30 AM (IST)
दहेज के लिए भीख का कटोरा लेकर न घूमें : राज्यपाल
दहेज के लिए भीख का कटोरा लेकर न घूमें : राज्यपाल

कुमारगंज (अयोध्या): प्रदेश की राज्यपाल व राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने युवाओं को स्वास्थ्य, संस्कृति और समाज से जुड़ने का मंत्र दिया। आचार्य नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षा समारोह में उन्होंने दहेज लोभियों पर कड़ा प्रहार किया। कहा, दहेज के लिए भीख का कटोरा लेकर न घूमें। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम अपने परिवार का भरण-पोषण तक नहीं कर सकते। राज्यपाल ने युवाओं को दहेज मुक्त विवाह करने का संकल्प दिलाया। कहा, एक अध्ययन में यह तथ्य आया है कि गर्भावस्था से लेकर आठ वर्ष तक बच्चों का 80 फीसद तक विकास हो जाता है। हमारे यहां अभिमन्यु जैसे उदाहरण हैं। जर्मनी ने इससे सीख लेकर गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं कीं, लेकिन दहेज लोभी गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन तक नहीं देते। बच्चों को स्कूल से आने पर फास्ट फूड थमा दिया जाता है। इसीलिए कुपोषण जैसी समस्या से छुटकारा नहीं मिला। अब कुपोषण सप्ताह और फिट इंडिया अभियान चलाया गया है।

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उन्होंने कहाकि विश्वविद्यालयों का काम सिर्फ पढ़ाना और डिग्री देना भर नहीं है। देश को खुशहाल बनाना है तो समस्या दूर करने के लिए आगे आना होगा। पूछा कि, गृहविज्ञान में क्या यह पढ़ाया जा रहा है कि परिवार में बुजुर्गों, महिलाओं, गर्भवती महिलाओं, बच्चों और युवाओं की देखभाल कैसे करनी है, उनके लिए पौष्टिक भोजन क्या है। यदि नहीं, तो ये सब बातें पाठ्यक्रम में होनी चाहिए। कहा, विश्वविद्यालय और महाविद्यालय एक-एक गांव गोद लें। गांवों में जाकर गर्भवती महिलाओं को पोषक आहार के लिए मिलने वाली धनराशि का उपयोग सिखाएं। राज्यपाल ने कहाकि 2014 से पहले स्वच्छता अभियान की कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन अब घर-घर शौचालय है। लोग स्वच्छता के प्रति जागरूक हुए हैं। वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है। गांवों में यह भी देखें कि वहां टीबी के कितने मरीज हैं। यह संकल्प भी उसी तरह साकार होगा, जैसे पोलियो अभियान हुआ। उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने में भागीदार बनने का आह्वान किया। कहा, प्लास्टिक मुक्त भारत न केवल खेती की तकदीर बदलेगा, बल्कि गायें भी स्वस्थ हो सकेंगी। उन्होंने कहाकि विवि व प्राइवेट कॉलेज छुट्टी के दिन अपनी बसों से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को घुमाएं भी। समारोह में आइसीएआर के पूर्व महानिदेशक पद्मश्री डॉ. आरएस परोदा को उनकी अनुपस्थिति में विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि दी गई। समारोह में 23 मेधावियों को गोल्ड मेडल व 631 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। समारोह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. लक्ष्मण सिंह राठौर, कुलपति प्रो. जेएस संधू, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव, गोरखनाथ बाबा, डीएम अनुज झा व एसएसपी आशीष तिवारी व भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल आदि थे।


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