Ram Mandir: दो लाख 12 हजार श्रद्धालुओं ने किया रामलला का दर्शन, दिव्यता और भव्यता से परिपूर्ण दिखी आयोध्या
रामजन्मोत्सव पर राजा राम की नगरी अयोध्या दिव्यता भव्यता अलौकिकता स्वर्गिक आभा से परिपूर्ण नजर आई। अगले वर्ष 2024 में रामलला मंदिर के नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में विरााजमान होंगे और भक्तों को उनके दिव्य दर्शन प्राप्त होंगे।
अयोध्या, संसू। राममंदिर निर्माण की बेला में रामजन्मभूमि पर आयोजित रामजन्मोत्सव श्रद्धालुओं की संख्या की दृष्टि से भी ऐतिहासिक रहा। गुरुवार को रामनवमी के मुख्य पर्व पर दो पालियों को मिला कर दो लाख 12 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया। रामनवमी पर रामलला का दर्शन करने वालों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या मानी जा रही है। बुधवार को एक लाख 76 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन किया था। राम मंदिर पर सुप्रीम फैसला आने से पूर्व रामनवमी व अन्य प्रमुख पर्वों पर भी रामलला का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु उमड़ते थे, लेकिन उनकी संख्या एक लाख के भीतर रहती थी।
अस्थाई गर्भगृह में हुआ रामजन्मोत्सव का अंतिम आयोजन
आम दिनों में यह संख्या दस हजार अथवा उससे कुछ अधिक होती थी, लेकिन नौ नवंबर वर्ष 2019 में रामजन्मभूमि पर सुप्रीम निर्णय आने के बाद से रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट एवं प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं में वृद्धि कर रहा है। अस्थाई गर्भगृह में रामजन्मोत्सव का अंतिम आयोजन श्रद्धालु संख्या की दृष्टि से भव्यता का परिचायक रहा। ट्रस्ट एवं प्रशासन से जुड़े जिम्मेदारों ने पहले ही संभावना व्यक्त की थी इस बार रामनवमी पर दर्शनार्थियों की रिकार्ड संख्या होगी और ऐसा हुआ भी। सुरक्षातंत्र ने ट्वीट कर दावा किया कि रामजन्मोत्सव तक रामनगरी में 25 लाख श्रद्धालुओं ने विभिन्न मंदिरों में दर्शन पूजन किया। ऐसा अनुमान है कि शाम तक यह संख्या 30 लाख के करीब थी। श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे उन्हें नियंत्रित करने के संसाधन भी कम पड़ गए।
491 वर्ष बाद रामजन्मभूमि की मुक्ति और अब भव्य मंदिर निर्माण
श्रीराम अनादि हैं और उनके प्रति आस्था भी अनादिकालीन मानी जाती है। यद्यपि उनका जन्म त्रेता युग में हुआ, किंतु उनकी पुरातनता के सूत्र वेदों तक में तलाशे जाते हैं। श्रद्धालुओं के लिए वह जितने प्राचीन हैं, उतने ही नवीन हैं और ऐसे शाश्वत-सनातन श्रीराम 491 वर्ष बाद रामजन्मभूमि की मुक्ति और अब भव्य मंदिर निर्माण के साथ सरोकारों की स्वर्णिम आभा आवृत हैं। यह सच्चाई गुरुवार को राम जन्मोत्सव के अवसर पर पूरी प्रामाणिकता से प्रस्तुत हुई। न केवल दो लाख 12 हजार दर्शनार्थियों ने एक दिन में रामलला के दर्शन का कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि संपूर्ण रामनगरी आस्था के स्वर्ण कलश से अभिषिक्त हुई।
140 श्रद्धालुओं आसमान से देखा रामनगरी का वैभव
रामनवमी के दिन 140 श्रद्धालुओं ने रामनगरी का वैभव आसमान से देखा। रामनवमी के उत्सवी रंग काे आसमान से देख कर श्रद्धालु निहाल हो उठे। यह पहला अवसर है, जब श्रद्धालुओं को अयोध्या से ही उड़ान भरकर रामनवमी पर रामनगरी का दृश्य देखा है। यह यात्रा सात से आठ मिनट की रही। सरयू होटल के निकट बने हेलीपैड से हेलीकप्टर ने उड़ान भरी। वहीं बुधवार को 50 यात्रियों ने अयोध्या की हवाई यात्रा की थी। यह योजना फिलहाल 15 दिनों तक चलेगी। सुबह नौ से शाम छह बजे तक हवाई यात्रा कराई जाएगी, जिसमें श्रद्धालुओं को पूरी अयोध्या का दृश्य दिखाया जाएगा। सरयू अतिथि गृह के प्रबंधक रवि ने बताया कि गुरुवार को हेलीकाप्टर से 20 से अधिक चक्कर लगाए हैं।
रामलला के दरबार में आस्था के स्वर्ण शिखर की आभा
- अगले वर्ष 17 अप्रैल को जब राम जन्मोत्सव मनाया जाएगा, तब तक रामलला नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित हो चुके होंगे, किंतु आस्था के उस स्वर्ण शिखर का आभास इसी वर्ष राम जन्मोत्सव के अवसर पर परिभाषित हुआ।
- एक दिन में एक लाख 76 हजार दर्शनार्थियों के आने का कीर्तिमान तो बुधवार को ही बना, गुरुवार को भी दर्शनार्थियों का प्रवाह पूरी सघनता और तीव्रता से रामनगरी की ओर उन्मुख हुआ।
- राम जन्मोत्सव की पावन बेला के अनुरूप रामलला के वैकल्पिक गर्भगृह सहित संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर विशेष साज-श्रृंगार से सुशोभित था।
- रामलला के पूजन-अभिषेक के लिए मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास सहित अर्चकों की पूरी पांत के साथ तत्पर थे, तो व्यवस्था के वाहक के रूप में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ट्रस्ट के सदस्य महंत दिनेंद्रदास एवं डा. अनिल मिश्र, विहिप के शीर्ष नेता गोपालजी, विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा आदि सन्नद्ध थे।
सजीव प्रसारण से रामलला के अपार वैभव के साक्षी बने दुनिया भर के लोग
- जन्मोत्सव पर रामलला के अपार वैभव के साक्षी मात्र अयोध्या आने वाले श्रद्धालु ही नहीं बने, बल्कि दुनियाभर के लोग इंटरनेट मीडिया और टीवी चैनल्स के माध्यम से बने।
- दूरदर्शन से भगवान के जन्मोत्सव कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया गया। स्थानीय स्तर पर सूचना विभाग एवं नगर निगम ने प्रमुख स्थलों पर स्थाई एवं अस्थायी एलईडी बोर्ड व बैन से मर्यादा पुरुषोत्तम के जन्मोत्सव का प्रसारण किया। वैकल्पिक गर्भगृह में भगवान के ऐश्वर्य को देखकर भक्त निहाल हो उठे।
- श्रद्धालुओं ने टीवी पर ही जन्मोत्सव का सजीव प्रसारण देख भगवान को मन ही मन नमन किया। टीवी पर पूरे परिवार के साथ रामलला का जन्मोत्सव देखने वाले मनीष मिश्र कहते हैं, भगवान की महिमा अपरंपार है।
वह कहते हैं, वैकल्पिक गर्भगृह में यह भगवान का अंतिम जन्मोत्सव है और अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा है, जब करीब पांच शताब्दी बाद श्रद्धालुओं की जन्मभूमि पर भव्य भवन में भगवान के जन्मोत्सव को देखने की अभिलाषा पूर्ण होगी और जन्मभूमि पर दिव्य-भव्य भवन में मधुमास की नौमी तिथि पर रामलला का जन्मोत्सव पूरी दिव्यता, भव्यता, अलौकिकता, स्वर्गिक आभा के साथ मनेगा।