भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री का आगमन चाहते हैं ट्रस्टी
राम मंदिर के वर्चुअल भूमि पूजन पर सहमत नहीं ट्रस्ट के सदस्य. लोगों को उम्मीद पीएम के आगमन से मिल सकती है नगरी को बड़ी सौगात.
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ब्लूप्रिट क्या है, यह तो ट्रस्ट की शनिवार को प्रस्तावित बैठक में तय होगा, पर यह संकेत स्पष्ट होने लगा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमिपूजन कराने को लेकर सभी ट्रस्टी आम राय से प्रतिबद्ध हैं। समझा जाता है कि इसके पीछे प्रधानमंत्री के प्रति आस्था के साथ राममंदिर निर्माण के महानुष्ठान के आगाज की गरिमा से न्याय की भावना है। समीकरण यह है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के फलक पर यदि राममंदिर निर्माण का आगाज बेहद अहम पड़ाव है, तो इस पड़ाव से आगे बढ़ने का शंखनाद भी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाला कोई महान दूत करे और आज यह अवसर है कि नरेंद्र मोदी जैसा यह किरदार प्रधानमंत्री के रूप में सामने है। कोरोना संकट के बीच मंदिर के लिए भूमिपूजन की तैयारी में यह विकल्प भी संभावित हुआ कि प्रधानमंत्री दिल्ली में बैठकर राममंदिर के लिए वर्चुअल भूमि पूजन करेंगे, पर सूत्रों की मानें तो ट्रस्ट के सदस्यों को इससे संतोष नहीं मिलने वाला है और वे पूरी स्पष्टता से भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री की अयोध्या में प्रत्यक्ष मौजूदगी चाहते हैं। ट्रस्ट को यह भी उम्मीद है कि राममंदिर के निर्माण की शुरुआत के साथ प्रधानमंत्री की मौजूदगी से अयोध्या का वैश्विक तीर्थनगरी के रूप में विकास की कहीं अधिक संभावना प्रशस्त होगी। ट्रस्ट की बैठक के लिए रामनगरी पहुंचे तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल के रुख से भी प्रधानमंत्री को लेकर ट्रस्ट का अनुराग ज्ञापित हुआ। उन्होंने कहा, राममंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर बनेगा और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी-प्रभावी नेतृत्व में संभव है और वे निर्विवाद रूप से राष्ट्र नायक हैं। बकौल चौपाल ऐसे प्रधानमंत्री के हाथों राममंदिर का भूमिपूजन हो, तो उससे सर्वोत्तम कुछ नहीं।