किसी ने इकलौता बेटा खोया..किसी के सिर से उठा पिता का साया
एक साथ चार लोगों की मौत से कोहराम गरीब परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
अयोध्या : रविवार का दिन भदरसा के लिए अशुभ साबित हुआ। हादसे में क्षेत्र के चार लोगों की असमय मौत ने दुख और पीड़ा का ऐसा दंश दिया जो शायद ही कभी भूलेगा। हादसे में किसी ने अपना इकलौता बेटा खोया तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया। भदरसा में हर चेहरा गमगीन नजर आया। ढांढस बंधाने पहुंचे लोगों का मन भी पीड़ित परिवारों का विलाप देख द्रवित हो उठा। हादसे में मारे गए सभी व्यक्ति गरीब परिवारों से जुड़े थे। सभी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। सप्ताह में एक दिन इस क्षेत्र से लोग मछली पकड़ने के लिए ढेमवाघाट जाते थे। रविवार को भी लोग टेंपो में सवार होकर ढेमवाघाट के लिए निकले थे। रास्ते में काल बन कर आए ट्रक ने टेंपो में टक्कर मार दी। हादसे की सूचना पहुंचते ही भदरसा में कोहराम मच गया। हादसे में मृत भदरसा लालपुर निवासी संजय कुमार अपने पिता रामशंकर की इकलौती संतान था। बेटे की मौत के गम से वृद्ध रामशंकर की जिदगी में दु:खों का अंधेरा छा गया है। परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी भी संजय पर थी। वह सिलाई का कार्य करता था। संजय विवाहित था और उसका एक आठ वर्षीय पुत्र भी है।
इसी मुहल्ले के निवासी सोनू, हीरालाल निषाद के घर से भी उठने वाली चीख हर किसी को मर्माहत कर रही थी। ग्राम पंचायत भदरसा बाहर बरदहिया निवासी शिव कुमार निषाद की भी दुर्घटना में मौत हो गई। नगर पंचायत भदरसा से अक्सर निषाद समुदाय के लोग मछली पकड़ने के लिए सोहावल स्थित ढेमवाघाट जाते थे। रविवार की सुबह पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार ग्राम पंचायत नैपुरा ननकऊ का पुरवा निवासी भोला निषाद अपना टेंपो लेकर भदरसा बाजार पहुंचा। शिवकुमार, सोनू, हीरालाल, संजय कुमार, भगेलू, धर्मपाल टेंपो में सवार होकर ढेमवाघाट जा रहे थे। सोहावल चौराहे पर पहुंच कर रास्ता भटक जाने की वजह से टेंपो पुन: मोड़ कर ढेमवाघाट की ओर जाने लगे तभी ट्रक ने टक्कर मार दी।