हादसे के लिए एनएचएआइ को जिम्मेदार ठहरा रहा परिवहन विभाग
लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर जिले की सीमा रामसनेहीघाट के कल्याणी नदी पुल पर हादसे का शिकार हुई बस के लिए परिवहन विभाग एनएचएआइ को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
अयोध्या : लखनऊ-अयोध्या नेशनल हाईवे पर जिले की सीमा रामसनेहीघाट के कल्याणी नदी पुल पर हादसे का शिकार हुई बस के लिए परिवहन विभाग एनएचएआइ को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
विभाग के अधिकारियों का मानना है कि हादसे वाले स्थल से एनएचएआइ का टोल प्लाजा ज्यादा दूर नहीं था, बावजूद इसके पेट्रोलिग नहीं की गई, जबकि उनके पास इसी कार्य के लिए एंबुलेंस मौजूद है। एक्सेल टूटने के बाद चार घंटे बस हाईवे पर खड़ी रही। एनएचएआइ के जिम्मेदार अधिकारी चाहते तो उसे देख सकते थे लेकिन सड़क पर खराब खड़ी बस को नजरंदाज किया गया। चार घंटे के दौरान अगर बस को अटेंड कर लिया गया होता तो शायद यह हादसा न होता और 18 लोगों की मौत न होती। यहां तक कहा गया कि एनएचएआइ इन्हीं सब कार्य के लिए वाहनों से टोल टैक्स लेती है। संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संजय सिंह का कहना है कि प्रथम²ष्टया हादसे के लिए एनएचएआइ जिम्मेदार है। बाराबंकी में एनएचएआइ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। उच्च अधिकारी प्रकरण की जांच कर रहे हैं।
........................ - फिटनेस, ओवरलोडिग और संचालन पर उठा रहा सवाल
हादसे का शिकार हुई डबल डेकर बस की फिटनेस, ओवरलोडिग और संचालन पर सवाल उठ रहे हैं। परिवहन विभाग की मानें तो इस बस का दर्जनों बार चालान हो चुका था। सवाल उठना लाजिमी है कि इतने चालान के बाद भी बस कैसे संचालित हो रही थी। बस में कमियां थीं तो उसे फिटनेस का प्रमाणपत्र कैसे मिला। सिवान बिहार में पंजीकृत बस की फिटनेस 27 दिसंबर 2021 तक है लेकिन परमिट का कहीं जिक्र नहीं है। अयोध्या से होकर जाने वाले गोरखपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे पर प्रतिदिन लंबी दूरी की सैकड़ों लग्जरी बसें गुजरती हैं। इनमें तमाम अंतरराज्यीय निजी बसें शामिल हैं। जानकार यहां तक कहते हैं कि इस प्रकरण की ईमानदारी से जांच हुई तो परिवहन विभाग और ट्रेवल्स एजेंसियों की साठ गांठ से भी पर्दा उठ सकता है।
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सुरक्षा कारणों से लॉक कर दिया गया नंबर
- हादसे के बाद परिवहन विभाग ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बस नंबर यूपी 22 टी 7918 को लॉक कर दिया है। सामान्य व्यक्ति इस बस से संबंधित जानकारी एम परिवहन एप से नहीं प्राप्त कर सकता है। हादसे की जांच उप परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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- लखनऊ में ही कैंप कर रहे दोनों आरटीओ
उप परिवहन आयुक्त को जांच में सहयोग और घायलों को मदद उपलब्ध कराने के लिए दोनों संभागीय परिवहन अधिकारी लखनऊ में ही कैंप कर रहे हैं। आरटीओ संजय कुमार ने बताया कि घायलों का बयान दर्ज किया जा रहा है। घायलों को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। सुरक्षित यात्रियों को दो बसों से उनके गंतव्य तक भेजा गया है। जिनकी मृत्यु हो चुकी है, उनका पार्थिव शरीर एंबुलेंस से उनके घर भेजा जा रहा है।