तीन महिला चिकित्सकों ने छोड़ी नौकरी
सक की है। एकमात्र एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. एसके तिवारी की उपलब्धता बेहद मुश्किल रहती है। उनके बारे में अक्सर यही बताया जाता है कि वह वीआइपी ड्यूटी पर हैं। एक और समस्या स्टाफ नर्स की है। यहां की नई नियुक्ति हुई है, जिन्हें कोई प्रशिक्षण नही मिला है। 25 में पांच स्टाफ नर्सों को नोयडा प्रशिक्षण के लिए भेजा गया।
अयोध्या : दर्शननगर मंडल चिकित्सालय के तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नौकरी छोड़ दी है। चौथी महिला रोग विशेषज्ञ मैटरनिटी अवकाश पर चली गईं हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ के यहां नौ पद हैं, इनमें मात्र दो के सहारे अस्पताल चल रहा है। चिकित्सालय में रोजाना औसतन 100 से अधिक स्त्री रोग से ग्रसित महिला मरीज आती हैं। चिकित्सकों की कमी के कारण यहां प्रसव का काम ठप हो गया है।
यहां के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. घनश्याम ने स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी को लेकर शासन व स्वास्थ्य विभाग को कई पत्र भेजे, लेकिन अबतक संज्ञान नहीं लिया गया।
शासन की व्यवस्था के तहत चिकित्सालय में चिकित्सकों की नियुक्ति संविदा पर की गई। डॉ. शशांक व डॉ. कृतिका ने संविदा काल के अंदर ही नौकरी से इस्तीफा दे दिया। डॉ. मनीषा यादव करीब आठ माह से अपनी ड्यूटी से फरार हैं। उनके बारे में मान लिया गया है कि उन्होंने भी नौकरी छोड़ दी है। डॉ. ज्योत्सना मैटरनिटी अवकाश पर हैं। डॉ. अर¨वद ¨सह व डॉ. आराधना गायना विभाग चला रहे हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी के कारण चिकित्सालय में काफी समय से सर्जरी न के बराबर हो रही है। सर्जरी को लेकर एक और समस्या बेहोशी के चिकित्सक की है। एकमात्र एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. एसके तिवारी की उपलब्धता बेहद मुश्किल रहती है। उनके बारे में अक्सर यही बताया जाता है कि वह वीआइपी ड्यूटी पर हैं। एक और समस्या स्टाफ नर्स की है। यहां नई नियुक्ति हुई है, जिन्हें प्रशिक्षण नहीं मिला है। 25 में पांच स्टाफ नर्सों को नोयडा प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।