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फिर से मंडराया रामनगरी अयोध्या पर आतंकी साया

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संदिग्ध एजेंट आफताब अली की बुधवार को गिरफ्तारी रामनगरी पर आतंकी खतरे की आशंका को नए सिरे से जिंदा कर गई।

By Ashish MishraEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 02:58 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 02:58 PM (IST)
फिर से मंडराया रामनगरी अयोध्या पर आतंकी साया
फिर से मंडराया रामनगरी अयोध्या पर आतंकी साया

अयोध्या [रघुवरशरण]। फैजाबाद के ख्वासपुरा स्थित आवास से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के संदिग्ध एजेंट आफताब अली की बुधवार को गिरफ्तारी रामनगरी पर आतंकी खतरे की आशंका को नए सिरे से जिंदा कर गई।
रामनगरी आतंकी खतरे की दृष्टि से लंबे समय से संवेदनशील है। इसमें कोई शक नहीं कि आइएसआइ ने आफताब के रूप में फैजाबाद में अपना स्लीपिंग मॉड्यूल तैयार किया, तो उसके पीछे रामनगरी की सुरक्षा में सेंध लगाकर किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना था। इसी वर्ष चार अप्रैल को रामनवमी मेला के दौरान नयाघाट क्षेत्र में बरामद बम जांच में भले ही साधारण साबित हुआ पर इस आशंका ने फन अवश्य उठाया कि रामनगरी आतंकियों के निशाने पर है।

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यह पहला मौका नहीं है, जब आतंकियों ने लिटमस टेस्ट के तौर पर नगरी की सुरक्षा-व्यवस्था परखने या उसे चुनौती देने की कोशिश की हो। खुफिया सूत्रों के अनुसार बुधवार को आइएसआइ के संदिग्ध एजेंट की फैजाबाद से गिरफ्तारी यह बताती है कि अयोध्या आतंकी निशाने पर है और ऐसे में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ आतंकी गतिविधियों पर बराबर नजर रखे जाने की जरूरत है।

घटनाओं पर नजर
-1997 में लश्कर का एरिया कमांडर इमरान अयोध्या के दक्षिणी-पूर्वी सीमा पर एसटीएफ के साथ एनकाउंटर में मारा गया था।
-1998 में हनुमानगढ़ी के सामने कुकर बम बरामद हुआ। बम डिस्पोजल दस्ते ने उसे डिफ्यूज कर लोगों को राहत की सांस दी।
-मार्च 1999 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के दौरे के दूसरे दिन ही अयोध्या रेलवे स्टेशन से पुलिस ने घातक विस्फोटक जिलेटिन की 26 छड़ें बरामद कीं। डिफ्यूज किए जाने के दौरान तत्कालीन एसएसपी अनिल अग्रवाल सहित बम डिस्पोजल दस्ते के दो सिपाही घायल भी हुए थे।

-सितंबर 1999 में रामजन्मभूमि न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष रामचंद्रदास परमहंस मार्निंग वाक पर निकले, तो उनके कुछ ही फासले पर एक लावारिस साइकिल पर लटके थैले में विस्फोट हो गया।

-पांच जुलाई 2005 को पांच फिदायीन आतंकी अधिग्रहीत परिसर की बैरिकेटिंग को विस्फोटक से लदी जीप से उड़ा कर रामलला की ओर बढ़े। परिसर में तैनात अद्र्धसैनिक बल के जवानों ने गोलियों की बौछार कर उन्हें मौत की नींद सुला दिया। 


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