Uddhav Thackeray Ayodhya Visit : रामलला के प्रति बुलंद होगी दलगत आस्था की विरासत
रामलला के प्रति शिवसेना का सरोकार नया नहीं ढांचा ध्वंस के आरोपितों में थे दिवंगत बाला साहब। 15 माह में तीसरी बार रामलला का दर्शन करने आ रहे महाराष्ट्र के सीएम एवं शिवसेना प्रमुख।
अयोध्या [रघुवरशरण]। Uddhav Thackeray Ayodhya Visit : रामलला करोड़ों रामभक्तों की आस्था के परिचायक हैं। आस्था की व्यापक परिधि में भाजपा और शिवसेना जैसी राजनीतिक पार्टियां भी शामिल हैं। आज जब रामलला के मंदिर की संभावना प्रशस्त हुई है, तो शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शनिवार को रामलला के दरबार में समर्थकों के साथ हाजिरी लगाकर रामलला से जुड़ी अपनी राजनीतिक विरासत पुख्ता करेंगे।
30 अक्टूबर एवं दो नवंबर 1990 की कारसेवा में शिवसेना की शिरकत किसी से छिपी नहीं है और छह दिसंबर 1992 को ढांचा ध्वंस के समय शिवसेना का मंदिर आंदोलन से सरोकार शिखर पर जा पहुंचा।
ढांचा ध्वंस मामले में आरोपितों की सूची में शिवसेना के तत्कालीन प्रमुख दिवंगत बाला साहब ठाकरे सहित पड़ोस की अकबरपुर सीट से तत्कालीन विधायक पवन पांडेय एवं शिवसेना के तत्कालीन प्रदेश उप प्रमुख संतोष दुबे का नाम शामिल था।
2012 में बाला साहब के निधन के बाद शिवसेना की बागडोर उद्धव ठाकरे ने संभाली। इसके बाद वह 24 नवंबर 2018 को पत्नी एवं पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ रामलला का दर्शन करने आ पहुंचे। उन्होंने मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराते हुए नारा दिया, पहले मंदिर फिर सरकार। इसके सात माह बाद वे पुन: रामनगरी पहुंचे। इस बार उनके आगमन का उद्देश्य प्रधानमंत्री और उनके गठबंधन को 2019 के लोस चुनाव में मिले अपार बहुमत के बाद रामलला के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना था। वे राममंदिर के प्रति जवाबदेही के फलक पर भाजपा पर बढ़त बनाते दिखे। शनिवार को भी वे रामलला के प्रति कृतज्ञता अर्पित करने आ रहे हैं।
इस बार की कृतज्ञता महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद की है। 15 माह के दौरान तीसरी बार रामनगरी आ रहे पार्टी प्रमुख के स्वागत में जुटे शिवसेना के महानगर प्रमुख रजत पांडेय कहते हैं, रामनगरी से शिवसेना और ठाकरे परिवार का लगाव प्रेरक है।