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अविवि के विद्यार्थी उत्तराखंड में सीखेंगे गढ़वाली शैली का चित्रण

कुलपति ने कहा इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों को मिलेगी चित्रण की सीख

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 12:22 AM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 12:29 AM (IST)
अविवि के विद्यार्थी उत्तराखंड में सीखेंगे गढ़वाली शैली का चित्रण
अविवि के विद्यार्थी उत्तराखंड में सीखेंगे गढ़वाली शैली का चित्रण

अयोध्या: डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फाइन आ‌र्ट्स विभाग तथा अर्थशास्त्र एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त संयोजन में सात दिवसीय लैंडस्केप ग्रीष्मकालीन प्रायोगिक चित्रण कैंप कार्यशाला व शैक्षणिक भ्रमण की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने किया। कुलपति ने कहा कि इस तरह के आयोजन से सांस्कृतिक एवं कलात्मक विधाओं से विद्यार्थी परिचित हो सकेंगे। कार्यशाला में गढ़वाली शैली तथा पर्वतीय लैंडस्केप शैली के चित्रण की जानकारी हासिल कर सकेंगे। यहां का दल शैक्षणिक भ्रमण पर उत्तराखंड जायेंगे। रचना धर्मिता से परिचित हो सकेंगे।

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संयोजक डा. सरिता द्विवेदी ने बताया कि सात दिवसीय कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को वास्तविक प्राकृतिक लघुचित्र से परिचित कराना है। इसमें पहाड़ी लोक कलाकार विद्यार्थियों को चित्रण की बारीकियां सिखाएंगे। पर्वतीय क्षेत्र के विद्यार्थियों को भी अवध की शैली से परिचित कराया जाएगा। आयोजन सचिव सहायक आचार्य रीमा सिंह ने बताया कि छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक यात्रा वृत्तांत की रिपोर्ट भी देनी होगी। विभाग के समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र प्रो. विनोद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यशाला के अंतर्गत विद्यार्थियों को उत्तराखंड के कोटद्वार, ऋषिकेश, देहरादून एवं हरिद्वार का शैक्षणिक भ्रमण कराते हुए उन्हें पहाड़ी संस्कृति, लोकचित्र एवं उसके स्वरूपों से परिचित कराया जाएगा। धन्यवाद ज्ञापन डा. प्रिया कुमारी ने किया। संचालन कार्य डा. सरिता द्विवेदी ने किया। इस अवसर पर प्रो. आशुतोष सिन्हा, प्रो. मृदुला मिश्रा, डा. अलका श्रीवास्तव, डा. पल्लवी सोनी, रीमा सिंह, आशीष प्रजापति व कर्मचारी विजय कुमार शुक्ला, शिव शंकर यादव, हीरालाल यादव सहित अन्य उपस्थित रहे। सात केंद्रों पर पीएचडी प्रवेश परीक्षा आज

अयोध्या: डा.राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा 22 मई को शहर के सात केंद्रों पर संपन्न होगी। विश्वविद्यालय के प्रचेता भवन, दीक्षा भवन, इंजीनियरिग कालेज, एमबीए, झुनझुनवाला महाविद्यालय, केटी पब्लिक व भवदीय पब्लिक स्कूल को परीक्षा केंद्र बनाया गया। 39 विषयों में चार हजार 299 परीक्षार्थी शोध की प्रवेश परीक्षा देंगे। कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह ने नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने का निर्देश परीक्षा समन्वयक प्रो. फारूख जमाल को दिया। सात केंद्रों पर 19 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति हुई है। सीसी कैमरे की निगरानी में परीक्षा होगी। कक्ष में मोबाइल एवं इलेक्ट्रानिक सामग्री ले जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है। अभिभावक भी केंद्र से 100 मीटर दूर रहेंगे। कुलपति ने सभी केंद्राध्यक्षों को कक्ष निरीक्षक के मोबाइल भी जमा कराने को कहा है। अभ्यर्थियों को निर्धारित समय से आधा घंटा पहले केंद्र पर पहुंचने का निर्देश है। मीडिया प्रभारी डा. विजयेंदु चतुर्वेदी ने बताया कि पीएचडी प्रवेश 22 मई को सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। अभ्यर्थियों को प्रवेशपत्र के साथ वैध परिचय-पत्र व एक फोटो लाना अनिवार्य है। परीक्षा कक्ष में मुद्रित कागज, लिफाफे, कैलकुलेटर, मोबाइल, डिजिटल डायरी ले जाने पर रोक है। परीक्षा की समाप्ति बाद अभ्यर्थियों को मूल ओएमआर, प्रश्न पुस्तिका कक्ष निरीक्षक के पास जमा करने के बाद कक्ष छोड़ना होगा। अनुचित साधन का प्रयोग करते हुए मिलने पर परीक्षा से निष्कासित एवं अभ्यर्थन निरस्त किया जाएगा। उत्तर प्रपत्र को भरने के लिए काले बाल पाइंट पेन का प्रयोग करना होगा।


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