श्रीश्री की सफलता को लेकर छिड़ा विमर्श
अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद के सौहार्दपूर्ण हल का संदेश लेकर आए शीर्ष संत एवं आध्यात्मिक गुरु
अयोध्या : मंदिर-मस्जिद विवाद के सौहार्दपूर्ण हल का संदेश लेकर आए शीर्ष संत एवं आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर गुरुवार को ही वापस लौट गए पर अपने अभियान की सफलता पर विमर्श का विषय छोड़ गए। कोई उनकी पहल के पीछे का राजनीतिक निहितार्थ तलाश रहा है तो कोई शुरुआत के साथ ही उनकी सफलता पर संदेह व्यक्त कर रहा है। बहुत से ऐसे लोग हैं जो उनकी गंभीरता को ध्यान में रखकर सहमति बनाने की ताजा पहल को स्वागतयोग्य बता रहे हैं।
गुरुवार को श्रीश्री की अयोध्या यात्रा में भी मिलाजुला परि²श्य सामने आया। विहिप भले ही श्रीश्री के अभियान की मुखालफत में खुलकर आई पर विहिप के संरक्षक माने जाने वाले महंत नृत्यगोपालदास ने दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय में श्रीश्री का स्वागत करते हुए यह जता दिया कि उनके अभियान को उनका आशीर्वाद मिलना असंभव नहीं है। श्रीश्री से अयोध्या यात्रा के दौरान भेंट करने वाले रामजन्मभूमि के लिए शताब्दियों से संघर्ष करने वाली संस्था निर्मोही अखाड़ा के पंच एवं पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास के अनुसार श्रीश्री के अभियान की सफलता अभी भले दूर की कौड़ी हो पर यदि भविष्य में वे गलत लोगों से बचे रहे तो उनकी सफलता असंभव नहीं है।
यह उम्मीद श्रीश्री की बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाजी महबूब के तेवर से भी बंधती है। हाजी महबूब आमतौर पर हार्ड लाइनर माने जाते हैं पर श्रीश्री से मुलाकात के बाद उन्होंने भी सौहार्द की मुहिम में शामिल होने का संकेत दिया। श्रीश्री से रामनगरी से ही लगे गांव के रहने वाले युवा मुस्लिम नेता बब्लू खान की भेंट भी भविष्य की ओर इशारा करने वाली रही। बब्लू के साथ श्रीश्री ने भी यह स्वीकार किया कि मुस्लिमों की युवा पीढ़ी ¨हदुओं की भावनाओं के प्रति उदार हैं। वह श्रीश्री के अभियान में विशेष सहयोगी भी साबित हो सकता है।