स्कूल जांच की झूठी रिपोर्ट देना पड़ा महंगा
मसौधा(फैजाबाद) : सोमवार सुबह जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार पाठक के दिशा-निर्देश पर शिक्षा
मसौधा(फैजाबाद) : सोमवार सुबह जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार पाठक के दिशा-निर्देश पर शिक्षा क्षेत्र तारुन के सभी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों की चे¨कग का आदेश दिया गया था, लेकिन पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय गौराडिहवा मौके पर जाकर चेक करने के बजाय नहर विभाग के जेई कल्पनाथ ने फोन पर अध्यापक से सूचना ली। अवकाश पर रहे अध्यापक को अनुपस्थित दिखाकर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी। रिपोर्ट मिलने के बाद अनुपस्थित किए गए अध्यापक का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जिलाधिकारी ने जारी कर दिया। वेतन काटने की सूचना मिलते ही मामला गंभीर पकड़ लिया। इसकी शिकायत विद्यालय में मौजूद रहे सहायक अध्यापक डीएन द्विवेदी ने फोन से अवगत कराया तो मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार नामित जांच अधिकारी को लेकर विद्यालय पहुंच गए। उपस्थित बच्चों से पूछताछ करने पर बच्चों ने बताया कि अधिकारी सोमवार को नहीं मंगलवार सुबह जरूर आए थे और बोल गए कि जिलाधिकारी के पूछने पर सोमवार को आने की बात बोलना। बच्चों के इस बयान को सुनकर जिलाधिकारी दंग रह गए तथा अधिकारी के झूठ बोलने पर नाराजगी व्यक्त की। इसके बाद स्कूल में बने एमडीएम की जांच की।
विद्यालय का होगा कायाकल्प
मसौधा: जांच करने पहुंचे जिलाधिकारी ने बच्चों व अध्यापकों ने 'दैनिक जागरण' में प्रकाशित स्कूल की समस्याओं का हवाला देकर बाउंड्रीवाल, शौचालय न होने, क्षतिग्रस्त जंगला, खिड़की व दरवाजों तथा स्कूल परिसर में रामवन गमन मार्ग के चौड़ीकरण के दौरान पीडब्लूडी की तरफ से खोदे गए गड्ढों में पानी भर जाने से बच्चों के डूबने की आशंका, छत से पानी टपकने की समस्याओं से अवगत कराया, जिस पर दो माह के अंदर सारी समस्याओं के हल की बात कही।
जब डीएम बने अध्यापक
मसौधा : स्कूल जांच के दौरान जिलाधिकारी अनिल कुमार पाठक कक्षा छह में क्लॉस ले रहे छात्र-छात्राओं को विज्ञान पढ़ाने लगे। क्लास में मौजूद बच्चों से प्रश्न पूछे, जिसका जवाब बच्चों ने सही दिया तो अच्छी पढ़ाई होने की बात कर पीठ थपथपाई।