अयोध्या के संत परमहंस की चेतावनी, छह दिसंबर तक राम मंदिर निर्माण तय न होने पर करेंगे आत्मदाह
राम मंदिर निर्माण को लेकर आमरण अनशन से चर्चा में आए अयोध्या के संत परमहंस ने एक बार फिर बड़ा ऐलान किया है।
फैजाबाद (जेएनएन)। भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन कर चुके संत परमहंस ने अब आत्मदाह की चेतावनी दी है। अयोध्या में आज उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर निर्माण का कोई रास्ता नही बना तो वह छह दिसंबर को आत्मदाह कर लेंगे।
राम मंदिर निर्माण को लेकर आमरण अनशन से चर्चा में आए अयोध्या के संत परमहंस ने एक बार फिर बड़ा ऐलान किया है। संत ने चेतावनी दी है और कहा है कि पांच दिसंबर तक राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून नहीं बनता या फिर मंदिर निर्माण शुरू नहीं हो जाता तो वह छह दिसंबर को आत्मदाह कर लेंगे। संत परमहंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या न आने को लेकर भी कटाक्ष किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पांच दिसंबर तक राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का आह्वान भी किया। उन्होंने चेतावनी भरी धमकी भी दे दी कि अगर पांच दिसंबर तक वह ऐसा नहीं करते तो वह अगले दिन यानी छह दिसंबर को आत्मदाह कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले भी उन्होंने आत्मदाह करने की बात कही थी लेकिन कोई तारीख तय नहीं की थी। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस संबंध में पहल करेगी और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसकी बजाए वह अयोध्या में दिया जलाकर या अन्य कार्य कर लुभावने कार्य कर रही है। माना जा रहा है संत परमहंस की धमकी भाजपा की मुसीबत बढ़ाएगी। राम मंदिर को लेकर उनके ऊपर दबाव और बढ़ेगा। सात दिन के आमरण अनशन में कोशिशों के बाद भी भाजपा और समर्थित नेता परमहंस को आमरण अनशन तोडऩे के लिए मना नहीं पाए थे।
प्रवीण तोगडिय़ा के आने के ठीक पहले पुलिस और प्रशासनिक टीम ने संत परमहंस को जबरन उठाया और लखनऊ ले जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी कराई थी। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर आमरण अनशन पर बैठे संत परमहंस की हालत बिगडऩे पर उनको लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई में भर्ती कराया था। वह लखनऊ में छह दिन तक भर्ती थे।
इसके बाद अयोध्या पहुंचे संत परमहंस ने एक बार फिर मंदिर को लेकर अपनी मांग दोहराई है। इससे पहले उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस संबंध में पहल करेगी और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।