न पर्याप्त स्मार्ट क्लास रूम और न डिजिटल लाइब्रेरी़, सपना नैक मूल्यांकन का
पुरानी पुस्तकों के सहारे करियर संवार रहे स्नातक व परास्नातक के विद्यार्थी
अयोध्या: साकेत महाविद्यालय को यूं तो पूर्वांचल का सबसे बड़ा महाविद्यालय माना जाता है, लेकिन यहां विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं नाम मात्र की हैं। इन दिनों कालेज प्रशासन नैक मूल्यांकन कराने का सपना देख रहा है, पर यहां न तो पर्याप्त स्मार्ट क्लास रूम हैं और न ही स्तरीय पुस्तकालय ही। कई कक्षाओं के विद्यार्थियों को तो पुराने संस्करण की किताबें ही पढ़नी पढ़ रही हैं। लाइब्रेरी में बैठ कर पढ़ने वाले कम ही हैं। पुस्तकालय की दयनीय स्थिति की वजह से विद्यार्थियों में आक्रोश है। यह नैक मूल्यांकन की तैयारी की राह में गड्ढे के समान है। कालेज में नैक मूल्यांकन की तैयारी के लिए एक समिति गठित है और तैयारी भी प्रारंभ हो गई है। कई चक्र बैठक हो चुकी है। लैब, क्लास रूम, शौचालय आदि की स्थिति बदहाल है। शिक्षक ही कहते हैं कि इन सुविधाओं के सहारे नैक मूल्यांकन में सफलता हासिल कर पाना आसान नहीं है।
--------------
छात्र नेताओं ने की मांग
अयोध्या: छात्र नेता अजय कुमार मिश्र, सूर्यभान आजाद, एबीवीपी के नेता गौरव सिंह आदि ने प्राचार्य से मांग की है कि जल्द ही पुस्तकालय में किताबों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित हो, जिससे यहां बैठ कर विद्यार्थी देश के बड़े संस्थानों की लाइब्रेरी से जुड़ कर शिक्षा ग्रहण कर सके।
------------
नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ नैक मूल्यांकन की तैयारी तेज होगी। प्रबंध समिति से बातचीत कर डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने का प्रयास करूंगा। साथ ही नए संस्करण की किताबें खरीदी जाएंगी। कुछ दिन पहले नई किताबें खरीदी भी गई हैं। कालेज में और जो भी समस्याएं है, उनके निस्तारण का प्रयास किया जाएगा। नैक मूल्यांकन में सफलता हासिल की जाएगी।
डा. अभय कुमार सिंह, प्राचार्य साकेत महाविद्यालय