अब 90 प्रतिशत मुस्लिम भी चाहते हैं राम मंदिर निर्माण
अयोध्या में रामानंदाचार्य व हंसदेवाचार्य ने कल कारसेवकपुरम में मीडिया को संबोधित किया। संतों ने कहा कि वह मुट्ठी भर लोग ही हैं, जो राजनीति के चलते मंदिर निर्माण में बाधक हैं।
By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 30 Mar 2017 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 30 Mar 2017 09:39 AM (IST)
अयोध्या (जेएनएन)। जगद्गुरु रामानंदाचार्य एवं हरिद्वार के संत स्वामी हंसदेवाचार्य का दावा है कि देश के 90 प्रतिशत मुस्लिम भी रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पक्षधर हैं। अयोध्या में रामानंदाचार्य व हंसदेवाचार्य ने कल कारसेवकपुरम में मीडिया को संबोधित किया।
संतों ने कहा कि वह मुट्ठी भर लोग ही हैं, जो राजनीति के चलते मंदिर निर्माण में बाधक हैं। उन्होंने याद दिलाया कि हाईकोर्ट के 30 सितंबर 2010 के निर्णय से ही यह स्पष्ट हो चुका है कि जिस स्थल पर रामलला विराजमान हैं, वहां मंदिर था और अब यह तय हो चुका है कि दुनिया की कोई ताकत वहां मस्जिद नहीं बना सकती। वे यह बताना भी नहीं भूले कि भगवान राम सभी के पूर्वज हैं, मुस्लिमों के भी और भारतीय मुस्लिम आठ-10 पीढ़ी पहले के अपने पूर्वजों पर गौर करें, तो वे हिंदू ही थे।
रामानंदाचार्य व हंसदेवाचार्य ने कहा कि हकीकत यह है कि वह धर्मांतरित मुस्लिम हैं और हम उनका पूरा आदर करते हैं और कभी यह नहीं चाहेंगे कि उनका मन दुखे। किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि आम हिंदू, संत, विहिप या भाजपा की सरकारें मुस्लिमों की विरोधी हैं और हम सभी का मानना है कि मुस्लिम इस देश के सम्मानित नागरिक हैं और हम उनके प्रति भाईचारा की भावना से परिपूर्ण हैं। उन्होंने भगवान राम को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी बताया।
इस मौके पर मौजूद निर्वाणी अनी अखाड़ा के राष्ट्रीय महासचिव महंत गौरीशंकरदास ने कहा, मंदिर आंदोलन राष्ट्रीय अस्मिता की अभिव्यक्ति रहा है और हमारे प्रयासों को सांप्रदायिक भेद-भाव की ²ष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए। इस दौरान शंकराचार्य वासुदेवानंद के शिष्य स्वामी जितेंद्राचार्य, विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह पंकज एवं विहिप मीडिया प्रभारी शरद शर्मा मौजूद रहे।
धर्म संसद में होगा आपसी सहमति पर अंतिम फैसला
सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के अनुरूप मंदिर-मस्जिद विवाद आपसी सहमति से हल करने का क्या फार्मूला हो, इस पर 30 मई से दो जून तक हरिद्वार में प्रस्तावित केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के बाद ही विहिप का रुख सामने आ सकेगा। हालांकि मार्गदर्शक मंडल के प्रस्ताव पर अंतिम मुहर एक से तीन नवंबर तक उडुपी में प्रस्तावित धर्म संसद में लगेगी। अनौपचारिक बातचीत में विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह पंकज ने बताया कि रामनगरी की 84 कोस की परिधि में बाबरी मस्जिद के एवज में कोई निर्माण नहीं स्वीकार किया जाएगा।
सुरक्षा हटाने पर पक्षकार ने जताई आपत्ति
सुरक्षा हटाए जाने के मामले में बाबरी मस्जिद के पक्षकार व स्वर्गीय हाशिम अंसारी के पुत्र मोहम्मद इकबाल ने आपत्ति जताई है। उन्होंने एसएसपी को इस आशय का पत्र भी सौंपा है। शासन स्तर से सुरक्षा व्यवस्था का नवीनीकरण न होने होने की वजह से पक्षकार के सुरक्षा कर्मियों को हटा लिया गया है। इकबाल का कहना है कि उनके पिता के वक्त से परिवार की सुरक्षा के लिए गनर मिला था। सुरक्षा हटाए जाने के बाद पक्षकार इकबाल ने असुरक्षा की आशंका जाहिर की है।
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