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आरटीआई आम आदमी का हथियार : उस्मान

फैजाबाद : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान को मलाल है कि जो सूचना का अधिकार (आरटीआइ) आ

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 11:52 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 11:52 PM (IST)
आरटीआई आम आदमी का हथियार : उस्मान
आरटीआई आम आदमी का हथियार : उस्मान

फैजाबाद : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान को मलाल है कि जो सूचना का अधिकार (आरटीआइ) आमआदमी का हथियार है, उसके आदेश अनुपालन में अधिकारी हीलाहवाली बरतते हैं। हाईकोर्ट एवं सुप्रीमकोर्ट की तरह अगर अवमानना की ताकत आयोग के पास होती तो ऐसा न होता। अन्य की अपेक्षा उन्होंने आरटीआइ को सबसे सस्ता कानून बताया। कहाकि 30 दिन में आरटीआइ के तहत आवेदन का जवाब देना अनिवार्य है पर ऐसा नहीं होता। नियत समय में जवाब मिलता तो पौने दो लाख आवेदन आयोग के समक्ष लंबित न होते।

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वे सरकिट हाउस के एनेक्सी में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके इस्तेमाल की सलाह दी। इसे सस्ता एवं बड़ा हथियार बताया। आरटीआइ को मजबूत करने के लिए अवमानना का अधिकार दिए जाने की वकालत की। कहा, 25 हजार रुपये तक अर्थदंड अंतिम कार्रवाई नहीं है। इसके बाद विभागीय जांच एवं अन्य कार्रवाई प्रस्तावित है। आवेदक को परेशान करने पर आयोग क्षतिपूर्ति भी वसूलता है। उन्होंने खेल विभाग के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश पारित किया है। वह रुदौली तहस ल के पुराएं में आरटीआई कार्यशाला एवं बीकाप र तहसील के सोनखरी में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद जिला मुख्यालय आए थे।

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आयोग के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं

-पत्रकार वार्ता के दौरान अचानक उन्होंने नायब तहसीलदार सिटी अविचल ¨सह को बुलाया। उनसे सवाल किया कि प्रोटोकाल में किसको आना चाहिए, बताया तहसीलदार को। कहा, अधिकारियों की नजर में आयोग की यह स्थिति है। नायब तहसीलदार ने टीईटी एवं पंचकोसी परिक्रमा का हवाला दे तहसीलदार का बचाव किया। फिर उन्होंने कहा सीओ आए और चले गए।


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