अवध एवं मिथिला में पगे गीत की बही धार
अयोध्या: गुरुवार की शाम सीता-राम विवाहोत्सव के चरम से गुजरने के बाद शुक्रवार को रामनगरी
अयोध्या: गुरुवार की शाम सीता-राम विवाहोत्सव के चरम से गुजरने के बाद शुक्रवार को रामनगरी की सुबह रामकलेवा की तैयारियों के नाम रही। मंदिरों में अवध एवं मिथिला की संस्कृति में पगे गीत गाए गए, भगवान राम सहित चारो भाइयों के दुलहा स्वरूप सजाए गए, नेग-न्योछावर की भी रस्म निभी और आराध्य के विग्रहों के सम्मुख छप्पन भोग के साथ राम कलेवा की परंपरा का संपादन हुआ। रामभक्तों की प्रधान पीठ कनकभवन, मणिरामदास जी की छावनी, दशरथमहल बड़ास्थान, रामवल्लभाकुंज, लक्ष्मणकिला, रंगमहल, हनुमानबाग, जानकीमहल, विअहुतिभवन, रामहर्षणकुंज, सियारामकिला झुनकीघाट, रसमोदकुंज आदि शीर्ष मंदिरों सहित अनेक मंदिर राम कलेवा के उत्सव लीन रहे। विवाह की रस्म के साथ यह मौका गीत-संगीत एवं भोज-भंडारा का भी बना। भगवान को छप्पन व्यंजनों के भोग के बाद संतों-श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में इन व्यंजनों का पूरे चाव से सेवन किया।