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राम विवाहोत्सव में अनुरक्त नजर आ रहे संत-महंत

अयोध्या: घर-परिवार एवं शादी-विवाह से दूर रहने वाले संत विवाहोत्सव में अनुरक्त नजर आ रहे

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Nov 2017 11:32 PM (IST)Updated: Tue, 21 Nov 2017 11:32 PM (IST)
राम विवाहोत्सव में अनुरक्त नजर आ रहे संत-महंत
राम विवाहोत्सव में अनुरक्त नजर आ रहे संत-महंत

अयोध्या: घर-परिवार एवं शादी-विवाह से दूर रहने वाले संत विवाहोत्सव में अनुरक्त नजर आ रहे हैं। कहीं मंडप सज रहा है तो कहीं माड़व गाड़े जाने की तैयारी है। हल्दी पूजन की रस्म निभ रही है तो कहीं विवाह के गीत गूंज रहे हैं। मौका, सीता-राम विवाहोत्सव का है और संत इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए प्राणपण से अर्पित हैं। वासुदेवघाट स्थित प्रतिष्ठित पीठ हनुमानबाग में चार दिवसीय सीता-राम विवाहोत्सव का आगाज मंगलवार को प्रात: रामार्चा पूजन के साथ हुआ। यजमान के रूप में फरीदाबाद के सरावगी परिवार सहित हनुमानबाग सेवा ट्रस्ट के ट्रस्टी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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विवाहोत्सव को ध्यान में रखकर मंदिर में स्थापित भगवान राम एवं मां सीता सहित हनुमानजी के विग्रह का विशेष साज-श्रृंगार संचालित है। सायं रामलीला की प्रस्तुति के साथ उत्सव का रंग और चटख हुआ। महंत जगदीशदास के संयोजन में प्रस्तावित उत्सव के क्रम में बुधवार को फुलवारी लीला और गुरुवार को धनुर्भंग की लीला के साथ रामबरात निकलेगी। शुक्रवार को मध्याह्न भगवान को छप्पन भोग प्रस्तुत किए जाने के साथ विशाल भंडारा प्रस्तावित है। आचार्य पीठ दशरथमहल बड़ास्थान में तो शनिवार से ही सीता-राम विवाहोत्सव का आगाज रामकथा एवं रामलीला के साथ हो चुका है। दशरथमहल के महंत विदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य के संयोजन में संचालित रामकथा एवं रामलीला की प्रस्तुति से गुजरता राम विवाहोत्सव गुरुवार को शिखर का स्पर्श करेगा, जब दशरथमहल से राजसी विरासत के अनुरूप रामबरात निकलेगी। मधुर उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ में दो सौ वर्ष पुराना मंडप इस साल के सीता-राम विवाहोत्सव के लिए सज्जित हो गया है। मंदिर में सोमवार से ही रामलीला की प्रस्तुति शुरू हो चुकी है। मंगलवार को हल्दी पूजन की रस्म संपादित हुई। ऐन रामविवाह के दिन यानी 23 नवंबर को सीता-राम विवाहोत्सव का मंचन होगा। इससे पूर्व महंत रामशरणदास की अगुवाई में रामबरात निकलेगी। अगले दिन कलेवा का भंडारा प्रस्तावित है।

रंगमहल मधुर भावधारा के प्रतिनिधि राम विवाहोत्सव एवं झूलनोत्सव के लिए जाना जाता है। भावपूर्ण उत्सवधर्मिता रंगमहल की जड़ों में समाहित है। महंत रामशरणदास के अनुसार राम विवाहोत्सव रंगमहल की परंपरा में गहन उपासना की तरह है और इस अवसर पर हम स्वयं में भगवान राम एवं मां सीता के युति की अनुभूति करते हैं। मधुर उपासना परंपरा की एक अन्य पीठ रसमोदकुंज में महंत रामप्रियाशरण के संयोजन में गत सप्ताह से ही रहस्योपासना एवं विवाह के गीत गाए जा रहे हैं। जानकीमहल में सीता-राम विवाहोत्सव की सरगर्मी चरम पर है। मंगलवार को जानकीमहल में फुलवारी की लीला प्रस्तुत की गई। विवाह गीत, रामलीला, विवाह संबंधी रस्म के साथ आगे बढ़ता उत्सव गुरुवार को रामबरात के साथ बयां होगा। शुक्रवार को यहां भी छप्पन भोग प्रस्तावित है।


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