राम विवाहोत्सव की स्मृति से गुलजार रामनगरी
अयोध्या : सीता-राम विवाह की तिथि 23 नवंबर को है पर रामनगरी आराध्य के विवाह की स्मृति में
अयोध्या : सीता-राम विवाह की तिथि 23 नवंबर को है पर रामनगरी आराध्य के विवाह की स्मृति में शनिवार से ही गुलजार हो उठी। आचार्य पीठ दशरथ महल बड़ास्थान में सीता-राम विवाह महोत्सव के क्रम में शनिवार से रामकथा की रसधार प्रवाहित हुई। कथा का सिलसिला 24 नवंबर तक चलेगा। कथा का गान स्वामी युगलकिशोरशरण चंचलजी कर रहे हैं। इस अवधि में प्रत्येक शाम रासलीला का भी मंचन संयोजित है।
23 नवंबर को सायं चार बजे शोभायात्रा के रूप में रामबरात निकलेगी। अगले दिन सायं सात बजे रामकलेवा की रस्म के साथ सीता-राम विवाह महोत्सव का समापन होगा। दशरथमहल के महंत ¨बदुगाद्याचार्य देवेंद्रप्रसादाचार्य के अनुसार त्रेता में रामबरात के प्रस्थान का प्रमुख केंद्र दशरथमहल ही रहा होगा और इस विरासत के अनुरूप यहां का राम विवाहोत्सव राजसी वैभव-भव्यता को ध्यान में रखकर मनाया जाता है। मधुर उपासना परंपरा की शीर्ष पीठ रंगमहल भी राम विवाह महोत्सव से गुलजार होने लगा है। मंदिर में राम विवाह के अवसर पर स्थापित होने वाला लकड़ी का मड़वा दो सौ साल पुराना है। रंगमहल के संस्थापक सरयूशरण की गणना मधुर उपासना परंपरा के महान संतों में होती है। उनके लिए आराध्य पाषाण प्रतिमा ही नहीं चिन्मय-चैतन्य विग्रह था। इस भाव के चलते ही उन्होंने भगवान राम एवं मां सीता को झूलनोत्सव-विवाहोत्सव आदि उत्सवों के माध्यम से प्रतिष्ठित किया। रंगमहल के वर्तमान महंत रामशरणदास भी इस परंपरा को मनोयोग से आगे बढ़ा रहे हैं।
शनिवार को मड़वा स्थापना के बाद अवध एवं मिथिला की संस्कृति के अनुरूप विवाह की रस्म आगे बढ़ेगी। इस बीच गीतों की महफिल भी सजेगी। गुरुवार को रामबरात निकलेगी एवं अगले दिन कलेवा का भंडारा होगा। सरयू तट स्थित रसिक उपासना धारा की पीठ रसमोदकुंज में रामविवाह महोत्सव द्विगुणित उत्साह का है। आश्रम के संस्थापक संत के स्मृति पर्व के साथ यहां रामविवाहोत्सव की धूम यादगार होती है। रसमोदकुंज के वर्तमान महंत रामप्रियाशरण के अनुसार आश्रम मिथिला के भाव से आराध्य की उपासना करने वाले आचार्य ने स्थापित किया था और इस भाव के अनुरूप यहां से बरात तो नहीं निकलती पर वह सब कुछ पूरी उत्सवधर्मिता से होता है, जो कन्या पक्ष के घर में होता है। लक्ष्मणकिला, हनुमानबाग, जानकीमहल आदि मंदिर भी राम विवाहोत्सव के केंद्र में रहने को तैयार हो रहे हैं।