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आपसी सहमति से हो मंदिर निर्माण : भगवंतभजन

राममंदिर निर्माण की ¨चता में सिख श्रद्धालु भी शामिल हैं। अमृतसर स्थित बाबा बुड्ढा साहब आश्रम से प्रयागराज के लिए निकला 150 सिख श्रद्धालुओं का जत्था बुधवार को गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में था। इस जत्थे ने रामलला के साथ नगरी के अनेक धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा निवेदित की। गुरुद्वारा

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 11:33 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 11:33 PM (IST)
आपसी सहमति से हो मंदिर निर्माण : भगवंतभजन
आपसी सहमति से हो मंदिर निर्माण : भगवंतभजन

अयोध्या : राममंदिर निर्माण की ¨चता में सिख श्रद्धालु भी शामिल हैं। अमृतसर स्थित बाबा बुड्ढा साहब आश्रम से प्रयागराज के लिए निकला 150 सिख श्रद्धालुओं का जत्था बुधवार को गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में था। इस जत्थे ने रामलला के साथ नगरी के अनेक धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा निवेदित की। गुरुद्वारा में साथ आए श्रद्धालुओं और स्थानीय संगत को संबोधित करते हुए भी बुड्ढा साहब आश्रम के मुखी बाबा भगवंतभजन ¨सह ने मंदिर निर्माण की भावना का इजहार किया।

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उन्होंने कहा, रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर बनने में विलंब से रामभक्तों को अपमानित होना पड़ रहा है और अच्छा यह होगा कि देश के सभी समुदायों के लोग आपसी सहमति से मंदिर निर्माण कर दुनिया के सामने राष्ट्रीय एकता का परिचय दें। बाबा भगवंतभजन ने गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में सेवा-सत्कार एवं उपासना की प्रवाहमान परंपरा के लिए मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत ¨सह सहित गुरुद्वारा प्रबंधन के प्रयासों की सराहना की। इससे पूर्व ज्ञानी गुरुजीत ¨सह ने बाबा भगवंतभजन को सिरोपा भेंट किया और उनके आगमन को गुरुद्वारा के लिए ऐतिहासिक बताया। ज्ञानी गुरुजीत ने याद दिलाया कि वे बाबा बुड्ढा ही थे, जो प्रथम गुरु नानकदेव से लेकर छठवें गुरु हरगो¨वद के समकालीन थे और उन्हीं के आशीर्वाद से पांचवे गुरु अर्जुनदेव को गुरु हरगो¨वद ¨सह के रूप में यशस्वी पुत्र की प्राप्ति हुई थी। बाबा बुड्ढा को स्वर्ण मंदिर का प्रथम मुख्यग्रंथी होने का भी गौरव हासिल है। यह मौका दो ऐतिहासिक विरासत के मिलन का भी गवाह बना। गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड वही गुरुद्वारा है, जहां प्रथम गुरु नानकदेव, नवमगुरु तेगबहादुर एवं दशम गुरु गो¨वद ¨सह के चरण पड़ चुके हैं।


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