मार्च तक शुरू हो जाएगा राम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण
राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक के बाद ट्रस्ट के सदस्य ने मीडिया से साझा की मंदिर निर्माण की भावी योजना. ट्रस्ट के महासचिव ने दोहराया इको फ्रेंडली होगा संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर.
अयोध्या : रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से जुड़ी कार्ययोजना पुख्ता होती जा रही है। चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट क्षेत्र में 12 से 14 मीटर तक गहरी नींव निर्मित होने के बाद इन दिनों मजबूती के लिए नींव के ऊपर 1.5 मीटर मोटी कंक्रीट की एक और परत ढाली जा रही है। इस परत की ढलाई का काम अगले माह के मध्य तक पूर्ण हो जाने की संभावना है। इसके बाद प्लिथ का निर्माण शुरू होगा। मिर्जापुर के पत्थर एवं कर्नाटक की ग्रेनाइट से निर्मित होने वाली प्लिथ करीब छह मीटर ऊंची होगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार प्लिथ निर्माण का काम आगामी फरवरी-मार्च तक पूर्ण हो जाने का अनुमान है और इसके बाद गर्भगृह का निर्माण पूर्व से ही तराश कर रखी गईं शिलाओं की शिफ्टिग से शुरू होगा। वे सर्किट हाउस में हुई रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इससे पूर्व ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि बैठक के तीसरे दिन मंदिर के अलावा रामजन्मभूमि के शेष परिसर की निर्माण योजना पर भी चर्चा की गई। साथ ही इन बिदुओं पर भी विमर्श किया गया कि राम मंदिर सहित संपूर्ण परिसर तैयार होने के बाद संपूर्ण परिसर में कितने पानी की खपत होगी और इसका इंतजाम कहां से होगा, बरसात का पानी, सीवर और कचरा का निस्तारण किस रूप में होगा। कचरा और सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की क्या योजना होगी। इस बीच ट्रस्ट के महासचिव ने दोहराया कि संपूर्ण रामजन्मभूमि परिसर इकोफ्रेंडली होगा। टीसीएस संभालेगी ट्रस्ट का एकाउंट
- राम मंदिर निर्माण के लिए एकत्र होने वाली समर्पण राशि का हिसाब पुख्ता बनाए रखने तथा किसी गड़बड़ी की आशंका को निर्मूल साबित करने के उद्देश्य से ट्रस्ट अपना एकाउंटिग सिस्टम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के हवाले करने की तैयारी में है। चंपतराय के अनुसार हमारी क्या-क्या आवश्यकताएं हैं और टीसीएस उसे किस तरह पूरा कर सकती है इस पर विचार चल रहा है और अगले दो महीने में टीसीएस ट्रस्ट के संपूर्ण एकाउंटिग सिस्टम को डिजिटली मैनेज करेगी।