Move to Jagran APP

कानून बनाने की मांग पर टिकी राममंदिर की उम्मीद

अयोध्या : आपसी सहमति और अदालत से अयोध्या विवाद के हल की उम्मीद अब कानून बनाने की मांग पर टि

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:33 PM (IST)
कानून बनाने की मांग पर टिकी राममंदिर की उम्मीद
कानून बनाने की मांग पर टिकी राममंदिर की उम्मीद

अयोध्या : आपसी सहमति और अदालत से अयोध्या विवाद के हल की उम्मीद अब कानून बनाने की मांग पर टिकती जा रही है। मंदिर निर्माण से जुड़ी यह उम्मीद 25 नवंबर को और मुखरित होगी, जब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रामनगरी में सभा करेंगे और केंद्र सरकार से मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग करेंगे। इसी तारीख को विहिप के संयोजन में संत-सभा प्रस्तावित है। पूर्व से ही मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे संत इस मौके पर इस मांग को निर्णायक रुख के साथ पेश करेंगे। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के अनुसार संतों की इस मांग के मद्देनजर केंद्र सरकार को अपना रुख स्पष्ट करना होगा। अन्यथा यह मांग अनसुनी करने पर मंदिर समर्थक नया राजनीतिक विकल्प चुनने को उत्सुक होंगे। मंदिर के लिए कानून की मांग तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंसदास भी कर रहे हैं। परमहंसदास ने मंदिर निर्माण के लिए एक अक्टूबर से ही स्वयं को दांव पर लगा रखा है, जब उन्होंने अपने आश्रम के ही सामने अनशन शुरू किया। तब उनकी मांग थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आएं और रामलला का दर्शन करने के साथ मंदिर निर्माण का ठोस आश्वासन दें। आठ दिनों तक अनशन के बाद स्वास्थ्य का हवाला देकर पुलिस उन्हें जबरन अनशन स्थल से उठा ले गई। चार दिनों तक वे लखनऊ स्थित पीजीआइ में गहन चिकित्सा के दौरान भी अनशनरत रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री से बात कराने का आश्वासन देकर परमहंसदास का अनशन तो खत्म कराया पर करीब एक माह बाद भी उनकी मांग का हला-भला होता नहीं नजर आ रहा है। हालांकि परमहंसदास ने पीजीआइ से लौटने के साथ ही यह एलान कर रखा है कि यदि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पूर्व मंदिर निर्माण का मार्ग नहीं प्रशस्त हुआ, तो वे आत्मदाह कर लेंगे। गत सप्ताह तो उन्होंने छह दिसंबर की तारीख भी मुकर्रर कर दी और एलान किया कि यदि पांच दिसंबर तक मंदिर निर्माण के लिए कानून नहीं पारित हुआ, तो वे छह दिसंबर को अपने आश्रम में ही आत्मदाह कर लेंगे। साकेत महाविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. योगेंद्र त्रिपाठी के अनुसार राममंदिर के प्रति निष्ठा ठीक है पर उसके लिए या अन्य किसी मुद्दे पर संवैधानिक मर्यादाओं के साथ स्वयं को दांव पर लगाने की आपा-धापी से बचना होगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.