Move to Jagran APP

राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संकल्प को नई बुलंदी, साल भर में बनेगा मंदिर

नवसंवत्सर पर जन्मभूमि राम मंदिर निर्माण को लेकर संकीर्तन, परिक्रमा, हवन, पूजन, यज्ञ और विविध अनुष्ठान शुरू किए गए। हर आयोजन में जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का संकल्प बुलंद हुआ।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 06:51 PM (IST)
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संकल्प को नई बुलंदी, साल भर में बनेगा मंदिर
राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के संकल्प को नई बुलंदी, साल भर में बनेगा मंदिर

अयोध्या-फैजाबाद (जेएनएन)। नवसंवत्सर पर जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण को लेकर संकीर्तन, परिक्रमा, हवन, पूजन, यज्ञ और विविध अनुष्ठान शुरू किए गए। यहां के कई अनुष्ठान देवी दुर्गा के नव रूपों को समर्पित रहे लेकिन हर पूजन विधान राम के प्रति आस्था से अलग नहीं रहा। इस मौके पर रामजन्मभूमि मामले के पक्षकार एवं निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने ऊपर वाले की अदालत से मंदिर बनने की उम्मीद जताते हुए अनुष्ठान शुरू किया। क्षत्रिय समाज ने तो आज एक साल में राममंदिर निर्माण कराने का ऐलान कर दिया।इससेले रामकोट की परिक्रमा रामजन्मभूमि से सरोकार की दृढ़ता बयां करने वाली रही। हर साल नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर परिक्रमा आस्था की अलख जगाने वाली साबित होती रही है। इस बार परिक्रमा के शुरू होने से पूर्व सभा में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का संकल्प बुलंद हुआ।

loksabha election banner

क्षत्रिय समाज साल भर में बनाएगा राममंदिर 

अयोध्या की विवादित भूमि पर अपना दावा जताते हुए एक साल साल के भीतर राममंदिर निर्माण का संकल्प जताया। इस मौके पर क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष एवं प्रतापगढ़ के सांसद कुंवर हरिवंश सिंह ने लोकसभा में इसके लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का भरोसा समाज के प्रतिनिधियों को   दिया। पत्रकारों से मुखातिब सांसद कुंवर हरिवंशसिंह ने कहा कि अगले नवरात्र के पहले  मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा। इसके लिए देश भ्रमण कर मुसलमानों से आग्रह समेत सभी बाधाएं दूर की जाएगी।

भाजपा मंदिर निर्माण की बाधा दूर करे

कैप्टन कुवंर बिक्रम सिंह ने दावा किया कि सन 1717 में सवाई राजा जय सिंह द्वितीय ने यह जमीन खरीदी थी, जिससे दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। करणी सेना के राष्ट्रीय महामंत्री सूरजपाल सिंह अम्मू ने कहा कि भाजपा अपना वादा निभाए और संसद में अध्यादेश लाकर राममंदिर निर्माण की बाधा दूर करे। उन्होंने रामलला मंदिर परिसर की सफाई को लेकर व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया। करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी, पीसीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह, कांफ्रेंस के आयोजक डॉ. एचबी सिंह ने राममंदिर निर्माण में विलंब को अनुचित करार दिया। 

ऊपर वाले की अदालत से बनेगा मंदिर 

रामजन्मभूमि मामले के पक्षकार एवं निर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने कहा कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम सच्चे हृदय से प्रभु को पुकारें। यदि पुकार सच्ची हुई तो कोई कारण नहीं कि रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का गतिरोध न दूर हो। वे रामघाट स्थित  पुण्य सलिला सरयू की रेत में नौ दिवसीय अनुष्ठान का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा, मंदिर-मस्जिद विवाद देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है और इसमें कोई शक नहीं कि अदालत से न्याय मिलेगा पर हमारी आस्था के अनुरूप एक अदालत ऊपर वाले की भी है और हम मंदिर निर्माण के लिए वहां भी अर्जी लगाकर बैठे हैं। यह अनुष्ठान उसी प्रयास का हिस्सा है और उम्मीद है कि मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

राममंदिर के लिए प्रयास जारी रखेंगे

धर्मदास ने याद दिलाया कि रामलला को रामजन्मभूमि पर स्थापित करने के मामले में आरोपी बनाए गए गुरु अभिरामदास ने अंतिम समय में नम आंखों के साथ उन्हें रामलला की पैरवी का जिम्मा सौंपा था और वे यशस्वी गुरु की भावना के अनुरूप अंतिम श्वांस तक राममंदिर के लिए प्रयास जारी रखेंगे। महानुष्ठान का संयोजन महंत धर्मदास के शिष्य महंत विंध्याचलदास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, रामजन्मभूमि पर भगवान राम का मंदिर पूरी मानवता को प्रतिष्ठित करने वाला होगा और हम अगले नौ दिनों तक उन भगवान राम की साधना में डूबेंगे, जिन्होंने मानवता को मर्यादा की नई राह दिखाई। अपराह्न कथाव्यास स्वामी रामसुख देवाचार्य ने रामकथा की शुरुआत की। 

शास्त्रीयता के बीच बलिदान की जरूरत 

मंदिर निर्माण का संकल्प को नई बुलंदी की ओर पहुंचाने में विधायक वेदप्रकाश गुप्त, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, रामकथा मर्मज्ञ आचार्य मिथिलेशनंदिनीशरण, जगद्गुरु स्वामी अनंताचार्य, कथाव्यास चंद्रांशु महाराज आदि ने भगवान राम एवं उनकी परंपरा शिरोधार्य कर नरमी और शास्त्रीयता का परिचय दिया लेकिन राज्यसभा सदस्य विनय कटियार एवं अयोध्या संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास ने अपनी छवि के अनुरूप भावनाओं का इजहार करने में कोई संकोच नहीं किया। कटियार ने राममंदिर के लिए जहां बलिदान और संघर्ष की परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया और एक और बलिदान की जरूरत पर बल दिया।

रामकोट परिक्रमा राम के प्रति प्रगाढ़ आस्था 

कन्हैयादास ने कहा कि ढांचा ध्वस्त होने में तीन घंटा का समय लगा था तो मंदिर निर्माण में भी 10-12 घंटे से अधिक नहीं लगेंगे। उन्होंने बगल में बैठे विनय कटियार से कहा वे उनका संदेश प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाएं। रामकोट की परिक्रमा आयोजित करने वाली संस्था विक्रमादित्य महोत्सव न्यास के अध्यक्ष राजकुमारदास के अनुसार रामकोट की परिक्रमा भगवान राम के प्रति प्रगाढ़ आस्था से प्रेरित है और इस प्रयास को मंदिर निर्माण की मांग से अलग नहीं किया जा सकता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.