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राम मंदिर के लिए मुस्लिम भी बुलंद करते रहे आवाज

वाज बनकर उभरे। रामनगरी से ही लगे क्षेत्र से उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं जो यह बताने वाली है कि मंदिर के समर्थन में अभियान चलाने वाले युवा मुस्लिम नेता की मजबूत जमीनी पकड़ है। बब्लू खान ने यह सच्चाई मंदिर के समर्थन में स्थानीय मुस्लिमों पूरी पांत-पीढ़ी खड़ी कर साबित भी की। मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान भी मंदिर समर्थकों की जमात में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 10:53 PM (IST)
राम मंदिर के लिए मुस्लिम भी बुलंद करते रहे आवाज
राम मंदिर के लिए मुस्लिम भी बुलंद करते रहे आवाज

अयोध्या : सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में मध्यस्थता से रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने की मुहिम के साथ रामनगरी में संवाद की विरासत पूरी रौ में है। जहां कोर्ट की पहल का हिदुओं-मुस्लिमों ने समान रूप से स्वागत किया, वहीं यह सच्चाई भी बयां हो रही है कि ऐसे मुस्लिमों की एक जमात है, जिन्होंने राममंदिर के हक में खुल कर आवाज बुलंद की। इस क्रम में पहला महत्वपूर्ण नाम अयोध्या जामा मस्जिद ट्रस्ट के अध्यक्ष मरहूम सैय्यद असगर अब्बास रिजवी का है। सैय्यद असगर 2003-04 के दौरान सामने आए, जब मंदिर-मस्जिद विवाद हल करने के प्रति दिलचस्पी लेने वाली केंद्र में राजग सरकार थी। वे ऐसे पहले प्रमुख मुस्लिम नेता थे, जिन्होंने खुल कर यह कहना शुरू किया कि मुस्लिम मस्जिद का दावा छोड़ें और जहां रामलला विराजमान हैं, वहां भव्य मंदिर बने। यद्यपि केंद्र की तत्कालीन राजग सरकार का कार्यकाल पूरा होने के साथ सैय्यद असगर की मुहिम भी मंद पड़ गई। मंदिर-मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए 2010 में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पलोक बसु सक्रिय हुए। उन्होंने हजारों मुस्लिमों को इस बात के लिए सहमत किया कि जहां रामलला विराजमान हैं, वहां मंदिर बने। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के गठन के कुछ दिनों बाद ही संघ के शीर्ष प्रचारक इंद्रेश ने आपसी सहमति से विवाद के हल की मुहिम छेड़ी। उनके ही प्रयास से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के बैनर तले बड़ी संख्या में मुस्लिम गोलबंद हुए और उन्होंने राममंदिर निर्माण की आवाज बुलंद की। इंद्रेश की ही प्रेरणा से बब्लू खान मंदिर के समर्थन की प्रभावी आवाज बनकर उभरे। रामनगरी से ही लगे क्षेत्र से उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य हैं, जो यह बताने वाली है कि मंदिर के समर्थन में अभियान चलाने वाले युवा मुस्लिम नेता की मजबूत जमीनी पकड़ है। बब्लू खान ने यह सच्चाई मंदिर के समर्थन में स्थानीय मुस्लिमों की पूरी पांत-पीढ़ी खड़ी कर साबित भी की। मुस्लिम कारसेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष आजम खान भी मंदिर समर्थकों की जमात में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं।

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