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Ayodhya Case : इकबाल अंसारी ने कहा- राम जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट का फैसला कुबूल, संत भड़के

अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद पर आज कोर्ट के अगली सुनवाई 29 जनवरी तक स्थगित करने पर भले ही संत थोड़ा विचलित है, लेकिन बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी बेहद तसल्ली में हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 02:00 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 03:50 PM (IST)
Ayodhya Case : इकबाल अंसारी ने कहा- राम जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट का फैसला कुबूल, संत भड़के
Ayodhya Case : इकबाल अंसारी ने कहा- राम जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट का फैसला कुबूल, संत भड़के

अयोध्या, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद पर आज कोर्ट के अगली सुनवाई 29 जनवरी तक स्थगित करने पर भले ही संत थोड़ा विचलित है, लेकिन बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी बेहद तसल्ली में हैं। उन्होंने कहा कि इस बड़े फैसले में भले ही थोड़ा समय लग रहा है, पर कोर्ट का जो भी फैसला होगा हमको कुबूल होगा।

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राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद की सुनवाई को 29 जनवरी तक स्थगित होने के बाद बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि सुनवाई आज से शुरू होनी थी कुछ कारणों से सुनवाई की तिथि आगे बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि कोर्ट तो सुबूतों के आधार पर फैसला करता और जो फैसला कोर्ट करेगा वो माना जाएगा। उन्होंने कहा कि कोर्ट पर दबाव उचित नहीं है। राम मंदिर समर्थकों की व्यग्रता के विपरीत बाबरी मस्जिद के पक्षकार मोहम्मद इकबाल ने कहा कि कोर्ट पर कोई दबाव नहीं होना चाहिए। कोर्ट आज फैसला करे या बाद में। वह जो भी फैसला करेगी, उसका स्वागत है।

सुनवाई टलने पर भड़के संत

अयोध्या के संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। राम मंदिर न्यास के संत राम विलास वेदांती ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बेंच में होने पर ही सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि गोगई पूर्व कांग्रेस सीएम के बेटे हैं और कांग्रेस नहीं चाहती कि मामले पर फैसला जल्द हो। संतों ने राम मंदिर पर तारीख पर तारीख मिलने पर सख्त नाराजगी जताई है। अयोध्या के संतों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सुनवाई टालने की कोर्ट की इस शैली को लेकर अब संत 31 जनवरी और 2 फरवरी को फैसला करेंगे।

वेदांती ने जस्टिस संतों ने कहा कि कांग्रेस और सुन्नी वक्फ बोर्ड जल्द फैसला नहीं चाहते। राम मंदिर न्यास के संत रामविलास वेदांती ने कहा कि जिस तरह जस्टिस यूयू ललित पर आपत्ति उठाई गई है उसी तरह चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को भी बेंच से अलग हो जाना चाहिए। जस्टिस गोगोई कांग्रेस के पूर्व सीएम के बेटे हैं और कांग्रेस इस मामले में जल्द फैसला नहीं चाहती।

विश्व हिंदू परिषद व राम जन्मभूमि न्यास ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर हर हाल में मंदिर का निर्माण होगा। दुनिया की कोई ताकत श्री राम की जन्म भूमि को उनसे नहीं छीन सकती।विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न करने वाली कांग्रेस और बाबरी के समर्थक मामले को लगातार लटकाए रखना चाहते हैं। आखिर कब तक भगवान श्री राम लला कपड़े के मंदिर में गर्मी बरसात और ठंड से पीड़ित होते रहेंगे? उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास है कि अयोध्या में भव्य राममंदिर जरूर बनेगा। श्री राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष और मणिराम दास छावनी महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि देश का हर नागरिक सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता है लेकिन वर्तमान में न्यायिक व्यवस्था में गतिरोध हिंदू समाज को दुख पहुंचा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि के विवाद में न्याय की प्रतीक्षा लगाए हुए हिंदू समाज बहुत ही आहत है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट हिंदू समाज की भावनाओं का आदर करें। लगातार इस प्रकार से न्यायिक प्रक्रिया में गतिरोध हिंदू समाज को उद्वेलित कर सकता है। कोर्ट में अरोधक बन रहे कांग्रेसी नहीं चाहते कि मामले का समाधान हो और हिंदू समाज को न्याय मिले।

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर रामनगरी अयोध्या में आज एक बार फिर हलचल रही। प्रतिष्ठित पीठ रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास के अनुसार मंदिर निर्माण में विलंब से अस्थिरता का वातावरण बन सकता है। इस मामले में जिम्मेदारों को इस सच्चाई को ध्यान में रखकर मसले के हल का प्रयास करना होगा। अयोध्या मामले पर आज देश की निगाहें मुकदमे की सुनवाई पर लगी थीं। आज सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायधीशों की पीठ को राम जन्मभूमि पर मालिकाना हक के मुकदमे की सुनवाई करनी थी।

होगी सत्य की जीत : रामदास

मंदिर की पैरोकारी से जुड़े पौराणिक महत्व की पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास कहते हैं, न्याय की कसौटी पर अंतत: सत्य की जीत होती है और इसके लिए वह 2010 में आए हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला देते हैं, यह याद दिलाकर कि जिस स्थल पर रामलला विराजमान हैं, उसे हाईकोर्ट ने भी रामजन्मभूमि स्वीकारा है।

आपसी सहमति से हो मंदिर निर्माण : भगवंतभजन

राम मंदिर निर्माण की चिंता में सिख श्रद्धालु भी शामिल हैं। बाबा बुड्ढा साहब आश्रम, अमृतसर से प्रयागराज के लिए निकला 150 सिख श्रद्धालुओं का जत्था गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड में था। इस जत्थे ने रामलला के साथ नगरी के कई धार्मिक स्थलों पर श्रद्धा निवेदित की। गुरुद्वारा में साथ आए श्रद्धालुओं और स्थानीय संगत को संबोधित करते हुए भी बुड्ढा साहब आश्रम के मुखी बाबा भगवंतभजन सिंह ने मंदिर निर्माण की भावना का इजहार किया। उन्होंने कहा, रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर बनने में विलंब से रामभक्तों को अपमानित होना पड़ रहा है और अच्छा यह होगा कि देश के सभी समुदायों के लोग आपसी सहमति से मंदिर निर्माण कर दुनिया के सामने राष्ट्रीय एकता का परिचय दें।

बहुत लंबा रहा है सफर

राम जन्ममूमि व बाबरी मस्जिद विवाद के 490 वर्ष लंबे सफर में रामनगरी विभिन्न पड़ावों से होकर गुजरी है और उसे न सिर्फ इस विवाद की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी बल्कि उसकी छाती पर कई ऐसे जख्म हैं, जो लंबे समय से हरे बने हुए हैं। विवाद के पटाक्षेप को लेकर जुड़ी बेसब्री बताती है रामनगरी इस विवाद से आजिज आ गई है। लोकसभा में बहुमत वाली भाजपा की सरकार के प्रति भरोसे के साथ मंदिर समर्थकों को सच्चाई की जीत का भी भरोसा है।

अयोध्या राम मंदिर मामले को लेकर पांच जजों की संवैधानिक पीठ का फिर से गठन किया जाएगा। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पांच जजों की पीठ में शामिल जस्टिस यूयू ललित के इस मामले से खुद को अलग कर लिया। जिसके बाद अब पीठ का गठन फिर से किया जाएगा। इस मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी। 


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