Move to Jagran APP

वजूद के साथ ही राम द्वार बना रहा जी का जंजाल

अयोध्या : नयाघाट बंधा तिराहा के निकट रामनगरी के मुहाने पर तीन वर्ष पूर्व बड़ी हसरत से प्रदेश की तत्का

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 11:47 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 11:47 PM (IST)
वजूद के साथ ही राम द्वार बना रहा जी का जंजाल
वजूद के साथ ही राम द्वार बना रहा जी का जंजाल

अयोध्या : नयाघाट बंधा तिराहा के निकट रामनगरी के मुहाने पर तीन वर्ष पूर्व बड़ी हसरत से प्रदेश की तत्कालीन अखिलेश सरकार के वन राज्यमंत्री तेजनारायण पांडेय ने रामप्रवेश द्वार की आधारशिला रखी। पांडेय के इस प्रयास को नगरी के पर्यटन विकास से जोड़कर देखा गया और फौरी तौर पर इस पहल को हाथों-हाथ लिया गया। आधारशिला रखे जाने के साथ ही रामप्रवेश द्वार आकार लेने लगा पर कुछ माह बाद जब प्रवेश द्वार का आकार परिलक्षित हुआ तो भविष्य की उम्मीदें धूसरित हो उठीं और यह साफ हो गया कि रामप्रवेश द्वार का आकार-प्रकार न केवल रामनगरी की भव्यता के प्रतिकूल है, बल्कि इसका सकरापन रामनगरी की ओर उमड़ने वाले श्रद्धालुओं के प्रवाह का मुकाबला करने में अक्षम है। मेलों के दौरान द्वार सकरा होने के

loksabha election banner

कारण इस मुहाने पर प्राय: भगदड़ की स्थिति बनती रही। यदा-कदा दुर्घटना भी होती रही और एक बार तो राम द्वार से गुजरती भीड़ से दबकर एक महिला को प्राण भी गंवाने पड़े। राम द्वार निर्माण के सूत्रधार एवं प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री तेजनारायण पांडेय भी इस समस्या से अनभिज्ञ नहीं रहे और उन्होंने प्रवेश द्वार के मानचित्र में गड़बड़ी एवं फौरी तौर पर अनियमितता पाए जाने पर काम रोकवा दिया। गत वर्ष प्रदेश में भाजपा सरकार का गठन होते ही रामद्वार को गिराने की मांग बुलंद हुई। निर्माण की तकनीकी जांच में

अनेक खामियां सामने आईं।गत वर्ष ही प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन अवनाश अवस्थी के सामने भी तत्कालीन जिलाधिकारी संतोषकुमार एवं एसएसपी सुभाष ¨सह बघेल ने रामद्वार से जुड़ी समस्या उठाई। उन्होंने रामद्वार से संबंधित रिपोर्ट शासन को भेजने की सलाह दी और अब इसी रिपोर्ट के आधार पर शासन ने रामद्वार गिराने का आदेश जारी किया है। विधायक वेदप्रकाश गुप्त ने कहा, रामद्वार दुर्घटना का सबब बन गया था और उसे गिराए जाने से अयोध्या के

मुहाने पर यात्रियों के सिर पर लटकी तलवार से निश्चित रूप से निजात मिलेगी। विधायक ने रामद्वार के निर्माण में 50 लाख से अधिक की लागत के अपव्यय को गंभीर बताया और कहा, इस अपव्यय की जिम्मेदारी सुनिश्चित कराई जाएगी और ऐसे लोगों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.