सुबह 8:28 तक भद्रा, इसके बाद मनाएं रक्षाबंधन
सोमवार को पूरे दिन पूर्णमासी श्रवण नक्षत्र व आयुष्मान योग रहेगा सर्व कल्याणकारी.828 बजे के बाद ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना उचित होगा.
अयोध्या : सोमवार को सुबह 8:28 बजे तक भद्रा है। ऐसे में 8:28 बजे के बाद ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाना उचित होगा। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पांडेय बताते हैं कि श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को श्रावणी (रक्षाबंधन ) होता है। इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन यानी सोमवार को सुबह 08:28 बजे तक भद्रा है और भद्रा में इस तरह का शुभ कार्य निषिद्ध है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को व बहनें अपने भाई को रक्षासूत्र बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना करते हैं। रक्षासूत्र बांधने का एक मन्त्र सर्वप्रचलित है, यथा -येन बद्धो बली राजा दानवेंद्रो महा बल: तेन त्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे माचल माचल। इसी मंत्र से प्राचीन काल में द्रोपदी ने श्री कृष्ण को व देवगुरु बृहस्पति ने इंद्र को रक्षा सूत्र बांधा था। इसी दिन श्रावणी का उपाकर कर्म ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है। वेदपाठी ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों से यज्ञोपवीत की शुद्धि व प्रतिष्ठा करते हैं। सोमवार का दिन पूर्णिमा तिथि के पूरे दिन भोग करेगा। सुबह 7:33 बजे से श्रवण नक्षत्र व आयुष्मान योग रहेगा, जो सर्व कल्याणकारी होगा। इस बीच रक्षाबंधन की तैयारियों से बाजार गुलजार रहे। रविवार को लॉकडाउन की वजह से लोगों को धरों से निकलने की मनाही थी, रक्षाबंधन पर्व को लेकर ढील दी गयी थी।