परियोजनाओं के साथ ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने में भी लगा रेलवे
अयोध्या से लखनऊ और बनारस रेल मार्ग पर पड़ने वाले कॉशन
अयोध्या : रामनगरी तक श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम बनाने के लिए रेलवे भी अपनी सेवाओं को विस्तार देने में जुटा है। अयोध्या जंक्शन के पुनर्विकास सहित कई बड़ी परियोजनाओं पर कार्य के बीच महकमा एक और बड़ी योजना को साकार करने में लगा है। दोहरीकरण पूरा होने से पहले ही इस क्षेत्र में ट्रैक को दुरुस्त कर ट्रेनों को रफ्तार देने का काम शुरू हो चुका है।
अयोध्या से लखनऊ और बनारस रेल मार्ग पर पड़ने वाले कॉशन को एक-एक कर खत्म किया जा रहा है, इसके लिए बड़े पैमाने पर ट्रैक सुधार का कार्य चल रहा है। रामनगरी में सिगल ट्रैक और उस पर कॉशन की रुकावट के कारण अयोध्या रेल सेक्शन में आते ही ट्रेनें हांफने लगती हैं। इस परेशानी से उबरने के लिए रेलवे बड़े स्तर पर ट्रैक सुधार करने में लगा है। रेलवे के एक स्थानीय अधिकारी की मानें तो रेलवे में ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की बात चल रही है। अयोध्या में राममंदिर को लेकर, जिस प्रकार विकास हो रहा है उसे ²ष्टिगत रखते हुए आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी। ट्रेनों की राह बाधा मुक्त होगी तो रामनगरी पहुंचने में श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। वर्तमान समय में देखा जाए तो अयोध्या से लखनऊ की ओर चार और बनारस की ओर छह कॉशन ट्रैक मरम्मत कर समाप्त किए जा चुके हैं। लखनऊ की ओर नौ और बनारस की ओर 13 कॉशन ही शेष बचे हैं। ये समाप्त होते ही सेक्शन में ट्रेन की रफ्तार 100 से बढ़ कर 130 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। कॉशन पर सुस्त हो जाती हैं ट्रेनें
पटरी की कमजोरी, क्रासिग, ब्रिज व अन्य बाधाओं के कारण सुरक्षित ट्रेन संचालन के लिए कॉशन लिया जाता है। अयोध्या सेक्शन में कॉशन पर ट्रेनों की गति धीमी पड़ कर 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाती है। कॉशन समाप्त होने के बाद ट्रेनों की रफ्तार निश्चित रूप से बढ़ेगी। दोहरीकरण में छिपा बड़ा कल्याण
अयोध्या में रेल लाइन के दोहरीकरण की मांग बीते डेढ़ दशक से उठ रही है। बाराबंकी-जफराबाद रेल लाइन के दोहरीकरण में इस क्षेत्र का कल्याण छिपा है। वर्ष 2016 में फैजाबाद जंक्शन से रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने 1310 करोड़ की लागत से बाराबंकी से जफराबाद तक 161 किलोमीटर लंबी रेललाइन के दोहरीकरण की घोषणा की थी। दोहरीकरण कार्य गोसाईंगंज तक पहुंच चुका है। पड़ोसी जिले अंबेडकरनगर में अकबरपुर तक विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। दोनों ही कार्य अयोध्या से होते हुए बाराबंकी तक जाएंगे।