पहले की पीडी ने जांच, अंतिम जांच करा दी बीडीओ से
जांच के क्षेत्राधिकार का उठा सवाल
अयोध्या: पंचायतीराज विभाग की एक जांच पर सवाल खड़ा हो गया है। यह सवाल जांच के क्षेत्राधिकार का है। ब्लॉक रुदौली में तैनात पंचायत सचिव राजीव कुमार श्रीवास्तव को डीआरडीए के तत्कालीन परियोजना निदेशक अश्वनीकुमार की जांच रिपोर्ट पर करीब तीन वर्ष पहले निलंबित कर दिया गया था। बाद में अनंतिम जांच के आधार पर तत्कालीन जिला पंचायत राज अधिकारी सभाजीत पांडेय ने बहाल कर दिया। राजीव श्रीवास्तव तब से अनंतिम बहाल होकर मवई ब्लॉक में ड्यूटी कर रहे हैं। जांच के क्षेत्राधिकार का सवाल तब खड़ा हुआ, जब बीडीओ मवई रामविलास से जांच करा बहाली की तैयारी का आरोप शिकायतकर्ता बारी निवासी श्याम सिंह ने लगाया।
बीडीओ रामविलास अब ब्लॉक अमानीगंज में तैनात हैं। उनका कहना है कि एक महीने पहले जांच पूरी कर वह जिला पंचायतराज अधिकारी को भेज चुके हैं। वहीं डीआरडीए के पीडी कमलेशकुमार सोनी हो चुकी किसी जांच को उसके समकक्ष व उससे ऊपर के अधिकारी से कराने को सही बताते हैं। उनके अनुसार पीडी के स्तर से की गई जांच बीडीओ से कराना गलत है। ग्राम पंचायत अधिकारी संवर्ग के राजीव कुमार श्रीवास्तव का प्रकरण ब्लॉक रुदौली की ग्राम पंचायत बारी के प्रधानमंत्री आवास की गड़बड़ियों से जुड़ा है।
शिकायतकर्ता श्याम सिंह का आरोप है कि सिर्फ पंचायत सचिव को क्लीनचिट दिलाने के लिए पीडी के समकक्ष के बजाय बीडीओ से जांच कराने का निर्णय लिया गया। बीडीओ मवई को उन्होंने जांच के संबंध में शपथपत्र के साथ तथ्य उपलब्ध कराये। रजिस्टर्ड डाक से भी जांच अधिकारी को भेजा। उसकी अनदेखी कर सवेतन बहाली की तैयारी है। रुदौली ब्लॉक में अनंतिम बहाल पंचायत सचिव राकेश चौधरी के दूसरे प्रकरण में निलंबन के बाद फिर बहाली का मामला सामने आने के बाद अनंतिम बहाल पंचायत सचिव राजीव कुमार श्रीवास्तव की बीडीओ से जांच कराने का मामला भी गर्मा गया है। संपूर्ण समाधान दिवस में एक अगस्त 2017 को शिकायत बारी निवासी श्याम सिंह ने की थी। तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने जांच कराने का आदेश तत्कालीन सीडीओ रवीश गुप्त को दिया था। उसी में पीडी की जांच में प्रथम ²ष्टया गड़बड़ी मिलने पर पंचायत सचिव को निलंबित कर व शासकीय धन की रिकवरी का आदेश हुआ था।