अयोध्या : कारागार में बंदियों का बवाल, गैस सिलिंडर से ब्लास्ट करने की दी धमकी
मंडल कारागार में कैदियों के बीच मारपीट। छह घंटे तक चला हंगामा, आठ घायल। बंदियों पर नजर रखने के लिए इस्तेमाल किया गया ड्रोन।
अयोध्या, जेएनएन। मंडल कारागार अयोध्या में बंदियों ने जमकर बवाल किया। निगरानी में सहयोग करने वाले बंदियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और जेल कर्मियों से हाथापाई की। मारपीट में आठ बंदी घायल हुए हैं। स्थिति गंभीर देख जेल अधिकारियों ने जिला प्रशासन व पुलिस को सूचना दी। प्रथम दृष्टया सामने आया है कि विवाद की जड़ में शामिल बंदियों की गतिविधियां पहले से संदिग्ध थी, जिनकी निगरानी बढ़ा दी गई थी। असहजता महसूस कर रहे बंदियों ने दबाव बनाने के लिए बवाल किया। बंदियों की ओर से पथराव की सूचना है।
हालात काबू करने के लिए जेल परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। सर्किल में बंदियों की स्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। डीआइजी जेल श्रीपर्णा गांगुली ने जेल का जायजा लिया। डीएम डॉ. अनिल कुमार व एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने कई चरणों में बंदियों से वार्ता की, लेकिन फोर्स देखकर बंदी भड़क गए। रसोई से गैस सिलिंडर निकालकर विस्फोट करने की धमकी देने लगे। छह घंटे तक हंगामा चलता रहा।
बंदियों ने सर्किल का गेट अंदर से बंद कर दिया था, जिसकी वजह से दो सिपाही व घायल बंदी उनके चंगुल में फंसे रहे। मामला शांत होने के बाद आरक्षियों को मुक्त कराकर घायल बंदियों को जिला अस्पताल भेजा गया। बवाल की सही वजह अभी सामने नहीं आई है। गैर जिले से ट्रांसफर होकर आए एक बंदी से शुक्रवार को विवाद हो गया था। शनिवार की सुबह स्थिति बेकाबू हो गई।
डीएम व एसएसपी से वार्ता में बंदियों ने कतिपय जेल अधिकारियों के रवैये पर असंतोष जाहिर किया तथा लंबरदारों पर उत्पीडऩ का आरोप लगाया। जिलाधिकारी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि विवाद का कारण पता करने के लिए पूरी रिपोर्ट जेल प्रशासन से मांगी गई है। जेल में स्थिति सामान्य है। घायल बंदियों में भोला, रामसुमिरन, अशोक यादव, शारदा प्रसाद, मुकेश, धर्मेंद्र, अनूप, रामअचल शामिल हैं।
तो मोबाइल को लेकर हुआ विवाद
वहीं सूत्रों के अनुसार आजमगढ़ जेल से आए कैदी ने मोबाइल पर बात करने का विरोध करने पर बंदी जमादार भोला की पिटाई कर दी। इसके बाद कैदियों ने आपस में की मारपीट। घटना में सज़ा याफ्ता कैदी गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थिति बेकाबू देख कारागार अधीक्षक को बाहर से फोर्स मंगानी पड़ी। वहीं, जिलाधिकारी डॉक्टर अनिल कुमार ने घायलों का परीक्षण करने में लगे हैं। कारागार अधीक्षक के मुताबिक, मामले को शांत कराने का प्रयास किया जा रही है। मौके पर फोर्स तैनात कर दी गई है।