80 वर्ष से बगैर खाए-पिए बने सिद्धि के पर्याय
फैजाबाद : गुजरात के गांधीनगर जिलांतर्गत ग्राम चराड़ा में पैदा हुए प्रहलाद भाई तब मात्र 10 साल क
फैजाबाद : गुजरात के गांधीनगर जिलांतर्गत ग्राम चराड़ा में पैदा हुए प्रहलाद भाई तब मात्र 10 साल के थे, जब चमत्कारिक घटनाक्रम के बीच उनकी भूख-प्यास चली गई और न ही मल-मूत्र विसर्जन की आवश्यकता पड़ी। यह सिलसिला पूरे 80 वर्ष से कायम है। अध्यात्म के जानकारों के अनुसार तरुणाई में ही बाबा का ब्रह्मरंध्र खुल गया और इसी के चलते वे न केवल भूख-प्यास से ऊपर उठे बल्कि उन्हें दिव्य ²ष्टि भी प्राप्त हुई। इसके बाद कई दशक तक बाबा तीर्थाटन करते रहे। तीन साल तक उन्होंने कैलाश में तपस्या की। 25 साल तक वे मौन रहे। साधना की प्रौढ़ावस्था में तपस्या के लिए बाबा ने गिरनार की तलहटी का चुनाव किया। यहीं साधना के दौरान बाबा को मां दुर्गा का दर्शन मिला और मां ने अपनी चुनरी प्रदान की। लंबे समय तक साधना में लीन रह कर अपना नाम और अपनी पहचान खो चुके बाबा को तो जैसे पुनर्जीवन मिला और इसके बाद चुनरी वाली माताजी के रूप में उन्हें नया परिचय और नई पहचान मिली। इस पहचान के साथ बाबा ने गुजरात के सुप्रसिद्ध तीर्थ अंबाजी मंदिर के करीब धूनी रमाई और जिस छोटे से कक्ष में उन्होंने धूनी रमाई, वह चार दशक से भक्तों की मुराद पूरी करने का ठौर बना हुआ है।
मोदी को मिलता रहा है बाबा का आशीर्वाद
अयोध्या : चुनरी वाली माता के नाम से भक्तों के बीच मशहूर बाबा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निकट का रिश्ता रहा है। बाबा के साथ रहने वाले जसवंत पटेल के अनुसार करीब ढाई दशक पूर्व वह अंबाजी स्थित बाबा का चिर-परिचित कक्ष ही था, जब एक अनुष्ठान के बाद देवी मां की आरती करते हुए बाबा ने नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। बकौल जसवंत, यह आशीर्वाद पाकर नरेंद्र मोदी हतप्रभ रह गए और बोले कि मैं कहां मुख्यमंत्री बनूंगा, पर पहुंचे फकीर माने जाने वाले बाबा के आशीर्वाद को उन्होंने पूरे सम्मान से स्वीकार किया। यह कोई पहला मौका नहीं था, जब नरेंद्र मोदी बाबा के साथ थे। उन दिनों वे प्राय: बाबा का आशीर्वाद लेने पहुंच जाया करते थे। कालांतर में जब बाबा का आशीर्वाद सच हुआ तो मुख्यमंत्री पद की व्यस्तता के बावजूद मोदी उनका आशीर्वाद लेने यदा-कदा अंबाजी पहुंचते रहे। इसी 2009 में ऐसी ही एक मुलाकात के दौरान बाबा ने मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया। हालांकि तब तक मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी अपनी छाप छोड़ चुके थे पर प्रधानमंत्री के दावेदार के रूप में वे दूर-दूर तक नहीं थे। बहरहाल, बाबा का यह आशीर्वाद भी फलीभूत हुआ और 2014 में शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री बाबा के प्रति कृतज्ञता अर्पित करना नहीं भूले। अब यही बाबा मोदी के पुन: प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी कर रहे हैं। रामनगरी में बाबा की मेजबानी करने वाले रामवल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमारदास के अनुसार बाबा का चमत्कारिक वैशिष्ट्य स्वत:सिद्ध है और इसमें कोई शक नहीं कि भविष्य में भी उनका आशीर्वाद फलीभूत होगा और देश का नेतृत्व मोदी जैसे महान तपस्वी के हाथों में रहेगा।
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- प्रहलाद जानी के कुछ न खाने
-पीने और उत्सर्जन की क्रिया से पूर्ण मुक्त रहने के दावे का बार-बार चिकित्सकीय और वैज्ञानिक परीक्षण किया जा चुका है। उनका परीक्षण करने वाले प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह के अनुसार उनका शारीरिक ट्रांसफार्मेशन हो चुका है।