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आरटीआइ के दायरे में हों राजनीतिक दल

एडीआर एवं यूपी इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक अनिल शर्मा ने कहाकि राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाया जाए। वह परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण पीजी कॉलेज, अयोध्या में चुनाव सुधार एवं युवा संवाद विषयक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 11:28 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 11:28 PM (IST)
आरटीआइ के दायरे में हों राजनीतिक दल
आरटीआइ के दायरे में हों राजनीतिक दल

अयोध्या : एडीआर एवं यूपी इलेक्शन वॉच के प्रदेश समन्वयक अनिल शर्मा ने कहाकि राजनीतिक दलों को आरटीआइ के दायरे में लाया जाए। वह परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण पीजी कॉलेज अयोध्या में चुनाव सुधार एवं युवा संवाद विषयक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। कहा, एक ओर सरकार आधार कार्ड को अनिवार्य कर रही है, वहीं राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदों के बारे में गोपनीयता की बात करती है। शर्मा ने कहा कि चुनावी बांड के बारे में लोगों को जानकारी मिलनी चाहिए। कहा, चुनावी चंदे के लिए सरकार1 0 हजार रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये के बांड लाई है। कॉरपोरेट घराने, पूंजीपति, माफिया एवं धनबली ठेकेदार जिस राजनीतिक दल को चंदा देना चाहेंगे वे यह बांड खरीदेंगे। सिर्फ राजनीतिक दल, प्रत्याशी, आरबीआइ एवं स्टेट बैंक को चंदे की जानकारी होगी। उन्होंने कहाकि इसके लिए राजनीतिक दलों को आरटीआइ के दायरे में लाना होगा। नोटा से कम मत पाने वाले उम्मीदवारों को छह वर्ष तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने को जरूरी बताया। सांसद एवं विधायक की पेंशन पर भी गोष्ठी में सवाल उठाया। प्राचार्य डॉ. सुनीलकुमार तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी को डॉ. जेड हैदर, डॉ. अमरजीत पांडेय, डॉ. सुधांशु त्रिपाठी एवं शंकर शुक्ल ने संबोधित किया।

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